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Showing posts from March 18, 2011

apnon ki holi apnon ke saath aese mnegi zarur

होली के खुशनुमा रंगों में डूबेगी ब्लोगिंग की दुनिया होली के रंगा रंग कार्यक्रम की शुरुआत कल यहाँ हुई एक छोटे से कुए में बुरा ना मानो होली हे के नारे के साथ यह कार्यक्रम शुरू हुआ इस कार्यक्रम के पूर्व अंधे कुए को जब देखा तो किसी ने जले हटाने की बात कही कुए में थोड़ा बहुत कीचड़ था इसलियें साफ करना मुनासिब नहीं समझा उसी में गुलाल मिला दिया और खाने का इन्तिज़ाम भी वहीं कर दिया .  खाने की शुरुआत में सबसे पहले भाई उड़नतश्तरी ब्लोगर का इन्तिज़ार था खेर वोह आये उन्होंने अपनी उड़ने वाली तश्तरी ली और ब्लॉग ४ वार्ता के लियें भाई ललित जी शर्मा के पास चले गये लाली जी शर्मा तो ठहरे घुमक्कड़ भाई वोह इधर उधर घूम रहे थे के कुंवर जी ने उन्हें घेर लिया बस भाई ललित जी साइड में हो गये और वकील दिनेश राय जी द्विवेदी की अदालत की बात करने लगे ब्लोगरों का होली कुआ था इसलियें इस कुए को तीसरे खम्बे की खड़े रहने की जरूरत थी सो इस तीसरे खम्बे पर यह कुआ खड़ा रहा . हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट की बात चली तो सब इधर उधर बगलें झाँक रहे थे के बहन शालिनी कोशिक एडवोकेट दोध कर आयीं और ब्लोगिंग के महिला अत्या
ब्लॉग की दुनिया को होली का राम राम मित्रों होली मुबारक हो यूँ आसानी से एक दुसरे से इतनी दूर रहकर भी कह आना सम्भव हो सकेगा येह हमें आज से ३० साल पहले कल्पना भी नहीं की थी लेकिन आज होली के इन रंगों को हम और आप इस तरह से मिलजुलकर बाँट रहे हें और इसके लियें सभी को मुबारकबाद . इक्कीसवीं सदी के इंटरनेट भारत का सपना देखने  वाले जब एक हवाई जहाज़ के पायलेट राजिव गाँधी ने इसकी घोषणा की इसकी प्रस्तावित योजनायें तय्यार की तो विपक्षी लोगों सहित कोंग्रेस के कुछ पुराने ख्यालात के नेताओं ने उनका खूब जम कर मजाक उढ़ाया, राजीव गांधी हवाई जहाज़ के सेट अप को समझते थे वोह इलेक्ट्रोनिक तकनीक को जानते थे इसलियें उन्होंने विरोधियों की प्रवाह नहीं की और सेम पित्रोसा को अपना सलाहकार बनाया उस वक्त सेम पित्रोसा को भी सभी विपक्षी लोगों ने कोसा और विरोध किया खेर पहले सेटेलाईट, फिर टी वी, फिर डी डी टू , फिर फोन फिर मोबाइल और फिर इंटरनेट की दुनिया चलती गयी चलती गये इंटरनेट की इस दुनिया में आज हमारा देश भी आगे बढ़ रहा हे लेकिन गूगल को धन्यवाद दें जो उसने साहित्य्य्कारों पत्रकारों को अपनी सूचनाएं रचनाएँ
हसन साहब यहाँ कानून ज़िंदा हे हमारे देश के अरबों खरबों रूपये घोड़े के व्यापार और सट्टे के नाम पर विदेश में जमा करने वाले हसन को शायद यह ता नहीं था के यहाँ कानून नाम की कोई चीज़ हे जिसकी लाठी जब चलती हे तो फिर उसके अपने नेता देश के गद्दार लोग भी उसे बचा नहीं पाते . हसन अली घोड़े के व्यापारी देश के सभी राजनितिक दलों के नेताओं,व्यापारियों ,उद्द्योग्प्तियों और अधिकारीयों के हम राज़ हे आप देखिये महाराष्ट्र में हसन अली पकड़े जाए उन पर खरबों रूपये टेक्स चोरी का मामला हो और सो कोल्ड राष्ट्रीयता की बात करने वाली शिवसेना , मनसे, भाजपा, आर एस एस इस मामले में खामोश रहे सरकार बढ़े अखबार खामोश रहे अधिकारियों को इसके खिलाफ सबूत नहीं मिले हसन अली कहे के लाओ सबूत और अदालत सबूतों के अभाव में हसन अली को जमानत पर छोड़ दे तो फिर जनाब सोच लो इन हसन अली के इस हुस्न के देश में कितने दीवाने हें राष्ट्रीयता की बात करने वाले यह लोग कहाँ हे लेकिन कल सुप्रीम कोर्ट ने जब हसन अली को फिर से गिरफ्तार करवाकर उसकी जमानत ख़ारिज की और पूंछ तांछ के लियें अधिकारीयों को दिया तो लगा के देश में अभी कानून जिंदा हे स
हसन साहब यहाँ कानून ज़िंदा हे हमारे देश के अरबों खरबों रूपये घोड़े के व्यापार और सट्टे के नाम पर विदेश में जमा करने वाले हसन को शायद यह ता नहीं था के यहाँ कानून नाम की कोई चीज़ हे जिसकी लाठी जब चलती हे तो फिर उसके अपने नेता देश के गद्दार लोग भी उसे बचा नहीं पाते . हसन अली घोड़े के व्यापारी देश के सभी राजनितिक दलों के नेताओं,व्यापारियों ,उद्द्योग्प्तियों और अधिकारीयों के हम राज़ हे आप देखिये महाराष्ट्र में हसन अली पकड़े जाए उन पर खरबों रूपये टेक्स चोरी का मामला हो और सो कोल्ड राष्ट्रीयता की बात करने वाली शिवसेना , मनसे, भाजपा, आर एस एस इस मामले में खामोश रहे सरकार बढ़े अखबार खामोश रहे अधिकारियों को इसके खिलाफ सबूत नहीं मिले हसन अली कहे के लाओ सबूत और अदालत सबूतों के अभाव में हसन अली को जमानत पर छोड़ दे तो फिर जनाब सोच लो इन हसन अली के इस हुस्न के देश में कितने दीवाने हें राष्ट्रीयता की बात करने वाले यह लोग कहाँ हे लेकिन कल सुप्रीम कोर्ट ने जब हसन अली को फिर से गिरफ्तार करवाकर उसकी जमानत ख़ारिज की और पूंछ तांछ के लियें अधिकारीयों को दिया तो लगा के देश में अभी कानून जिंदा हे
विक्लिंक्स या एक जासूसी की शुरुआत विक्लिंक्स या एक जासूसी की शुरुआत हे इस मामले में देश की सरकार और जनता को गम्भीरता से सोचने की जरूरत हे जो बात हमारे देश की जनता को पता नहीं अगर वही बात हमें विदेशी लोगों से पता चले तो या तो हमारे अपने मिडिया कर्मी बिके हुए हें या फिर कमज़ोर हें .  जी हाँ दोस्तों कभी भी अगर कोई बात मेरे इस देश में हुई हे तो हमें बाहर के ही लोगों ने सूचित किया हे इन दिनों विश्व में विक्लिंक्स वेबसाईट का खुलासा हे और यह खुलासा सीधे साइड मेरे इस देश की जासूसी की पोल खोल रहा हे जो मेरे देश की सरकार इसके लियें खुली छुट देकर देश और देश वासियों की सुरक्षा के लियें खतरा पैदा कर रहे हें .  हमारे देश में देश का कोई व्यक्ति अगर कुछ खबरे लेना चाहता हे सुचना के अधिकार के तहत सूचनाएं मग्नता हे तो सीधा जवाब होता हे के इस जवाब से देश की सुरक्षा को खतरा हे इसलियें यह सुचना दिया जाना सम्भव नहीं हे हमारी रक्षा प्रणाली , सुरक्षा प्रणाली. वैज्ञानिक प्रणाली सब कुछ विदेशों को पता हे लेकिन हमारे देश की इस जनता को जानने का हक नहीं अगर देश के लोग कोई सच नहीं जान सकते तो विदेश
होली के रंग हजार होली के रंग हजार  नहीं लाख नहीं करोड़ों करोड़ होते हें आप भाइयों और बहनों की जिंदगी होली के इन खुबसुरत रंगों से सजी और संवरी हे और खुदा करे जिन लोगों की जिंदगी के रंग में जरा भी भंग पढ़ा हे उनकी जिंदगी फिर से खुशियों के रंग से भर जाए लेकिन इस त्यौहार को भी मिलावट की नजर लग गयी हे रंगों की इस दुनिया को मिलावट की दुनिया बनाने वाले एक व्यापारी का कोटा में वाट लगाई गयी हे .  दोस्तों कोटा में एक व्यापारी उद्ध्योग के नाम पर कोटा स्टोन का चुरा मिला कर गुलाल बना रहा था जो लोगों की खाल चेहरे बिगाड़ने के लियें काफी हे यहाँ रसद अधिकारी ने जब एक सुचना पर छापा मारा तो वहां करीब सो क्विंटल कच्चा पाउडर और रंग बरामद किया गया पच्चीस पेसे प्रति किलो बनने वाले इस गुलाल को यह जनाब सरे राजस्थान में दस रूपये किलों में बेच चुके थे इनके रजिस्टर से पता चला के कुछ दिनों में ही दस लाख रूपये का जहर यह जनता में बेच चुके हें अब पुलिस और रसद अधिकारी जी इस पशोपेश में हें के इन जनाब के खिलाफ मुकदमा कोंसे कानून और धरा में किया जाए क्योंकि जो कानून कहता हे वोह तो यह करते नही राजनितिक