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Showing posts from September 18, 2010

गर्व से कहो हम हिंदी है

सबसे सरल जानी पहचानी  राष्ट्र भाषा वो हिंदी है  लोकप्रिय हो रही विश्व में  भारत की गरिमा हिंदी है  हाहाकार क्यों हिंदी को लेकर  धर्मो का मंथन हिंदी है  पैदा हुई संस्कृत की कोख से भाषा की बड़ी बहन हिंदी है आगे पढने के लिए यहाँ क्लिक करें

क्रांति ही जीवन

                          मनुष्य हर वक़त विवादों में घिरे रहना पसंद करता है क्युकी यही उसे आगे बड़ने की राह दिखाती है अगर वो एसा  न करे तो आगे का सफ़र उसके लिए मुश्किल हो जाता है ! मानव का स्वभाव  ही कुच्छ एसा है की वो जितनी भी मेहनत करता है तो उसके पिच्छे उसका अपना सवार्थ है ! उसका अंदाज अलग हो सकता है पर  लक्ष्य सिर्फ एक की मुझे ख़ुशी केसे मिलेगी ?  क्या करने से मिलेगी ? हम सब  इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं पर इस सत्य को अपनाने से इंकार करते हैं ! जीवन में हम जितनी मेहनत करते हैं हमे सिर्फ वही वापस मिलता है लेकिन फिर भी हम किसी दुसरे का सहारा खोजते रहते हैं की शायद वो हमसे बेहतर हमारे लिए कर सकेगा ! कहने का तात्पर्य यह है की जब सब कुच्छ हमारे करने पर ही निर्फर है तो फिर क्यु  न खुद आगे बड़  कर उसे अंजाम तक पहुचाया जाये !                                                                                                                                                                         अब राजनीति को ही ले लो जो कहती है की भविष्य में इक्सवी सदी लानी है वो खुद यहाँ नहीं है तो इकिस्वी

सपनो का संसार

आज का युवा वर्ग काफी रचनात्मक और उत्साह से भरा हुआ है कभी २ वो विध्वंसकारी और अवसादग्रस्त भी हो जाता है ! वो देश में अपनेआप को स्थापित करने के लिए अपने लिए जगह तलाश कर रहा है पर मिडिया हर मोड़ पर उसे दिशाहीन बना दे रही है ! घर और बहार की दुनिया में जब वो काफी अंतर देखता है तो कोई भी निर्णय लेने में असमर्थ हो जाता है ! देश के नेताओ का भ्रष्टाचार में लिपत होना मिडिया के इतने प्रचार के बावजूद भी उनपर किसी प्रकार की कारवाही न होना , आतंकवाद का ख़तम न हो पाना ! कश्मीर में शहीद  होने वाले शहीदों की कवर स्टोरी न बनाने की जगह फ़िल्मी हस्तियों की कवर स्टोरी बनाना ये सब उसे अपने आपसे यह पूछने पर मजबूर कर देते हैं की आखिर वो किसे अपना हीरो माने ! अपने दिल में वो बहुत से सपने लेकर चलता है की उसे लेकर वो उन उचइयो  को छु सके जिनके वो सपने देखता है !                                                                   कितना सरल सा शब्द है ये सपना  ? लेकिन सही मायनो में ये अपने आप में बहुत बड़ा स्थान रखता है इसका सम्बन्ध मानव से एसे जुड़ा है जिसके बिना वो अधुरा सा हो जाता है ! सपनो के बिना तो उसका स