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Showing posts from July 7, 2009

अजमेर शरीफ के बम धमाके : चुप्पी के षडयंत्रा को भेदने की जरूरत

अभिनव भारत, मालेगांव बम धमाके में शामिल इस हिन्दु अतिवादी संगठन ने ही शायद अजमेर शरीफ बम धमाके को अंजाम दिया है। राजस्थान के आतंकवाद विरोधी दस्ते का कहना है कि अजमेर दर्गा में वर्ष 2007 में हुए धमाके की जांच के सूत्रा अभिनव भारत के सदस्यों तक पहुंचते दिख रहे हैं। एन डी टी वी को दिए एक विशेष साक्षात्कार में राजस्थान एटीएस के प्रमुख कपिल गर्ग ने इस बात को स्वीकारा है कि अभिनव भारत अब हमारे निशाने पर है। पिछले दिनों राजस्थान पुलिस की एक विशेष टीम ने मुम्बई जाकर मालेगांव धमाके के मास्टरमाइंड लेफ्टनेन्ट कर्नल एस पी पुरोहित और अन्य अभियुक्तों के नार्कोपरीक्षण और ब्रेन मैपिंग टेस्ट से जुड़े बयानों एवम रिपोर्टों को एकत्रित किया। पुलिस सूत्रों का कहना है कि लेफ्टनन्ट कर्नल पुरोहित पर किए नार्को परीक्षण और ब्रेन मैपिंग टेस्ट ने इस बात को उजागर किया कि एक अन्य सदस्य, दयानन्द पाण्डेय, जो मालेगांव धमाके का आरोपी है, उसने अजमेर धमाके की योजना बनायी थी जिसमें दो लोग मारे गए और लगभग 20 लोग अक्तूबर 2007 में घायल हुए। ( एनडीटीवी, ‘अभिनव भारत अण्डर स्कैनर फाॅर 07 अजमेर ब्लास्ट’ राजन महान, मंगलवार, 14 अप्

ग़ज़ल

मेरी जानिब भी इनायत की नज़र होने लगी जिंदगानी उनके साए में बसर होने लगी मैंने इजहारे तमन्ना जब न की उनसे कभी फिर न जाने कैसे दुनिया को ख़बर होने लगी बे खुदी हद से गुज़रती जा रही है दिन ब दिन रफ्ता रफ्ता मेरी यह हालत दीगर होने लगी मेरी आँखों में समाता जा रहा है अक्से हुस्न उनकी सूरत चारों जानिब जलवागर होने लगी मेरी रुसवाई का चर्चा हर तरफ होने लगा ख़ुद ब ख़ुद मेरी मोहब्बत मोतबर होने लगी क्यों रहे "अलीम" को फिकरे इलाजे दर्दे दिल दर्द की लज्ज़त से हस्ती बखबर होने लगी

कहां चला राहुल गांधी का जादू?

अनंत विजय डिप्टी एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर ibn7 अब जबकि लोकसभा चुनावों का शोरगुल खत्म हो चुका है, पखवाड़े भर की माथापच्ची के बाद कांग्रेस मंत्री और मंत्रालय तय करने में कामयाबी हासिल कर चुकी है। मंत्री अपने मंत्रालयों के सौ दिन के एजेंडे घोषित करने में जी जान से जुटे हैं। मीडिया के कई हिस्सों में राहुल गांधी के जादू और करिश्मे का कोलाहल भी थोडा़ कम होने लगा है, तो अब वक्त आ गया है कि दो हजार नौ में हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी के जादू और करिश्मे की थ्योरी को कसौटी पर कसा जाए। जीत के बाद जब सोनिया गांधी रायबरेली की जनता को धन्यवाद देने अपने लोकसभा क्षेत्र पहुंचीं तो उन्होंने लोकसभा चुनाव में पार्टी की जीत का सेहरा राहुल के सर बांधा। कांग्रेस के रणनीतिकारों की तरफ से लगातार इस बात को प्रचारित प्रसारित किया, करवाया गया कि कांग्रेस को मिली सफलता के पीछे राहुल गांधी के करिश्मे और उनके व्यक्तित्व के जादू का हाथ है। उत्तर प्रदेश में पार्टी को मिली आशातीत सफलता का श्रेय भी राहुल गांधी की रणनीति को दिया गया। मीडिया में ये बात भी आई कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने का फैसला