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Showing posts from December 20, 2010

शतको का शहंशाह

लिखना तो आज हम कुछ और चाह रहे थे पर हर तरफ सचिन सचिन के शोरे ने जैसे कुछ और लिखने ही नहीं दिया तो हमने भी अपना रुख सचिन की तरफ ही मोड़ लिया सोचा क्यों ना हम भी अपने देश के महानतम बल्लेबाज़ सचिन के लिए दो शब्द कह ही दे ! जिस तरह से वो अपने आप को इतिहास के पन्नो मै दर्ज करवाते जा रहे हैं  सच मै काबिले तारीफ है ! हम तो ये कहेंगे की अगर किसी  भी तरह का ठंग व् तकनिकी का संगम कही देखना हो तो वो सचिन की बल्लेबाज़ी मै मिलती है !                                                                 आज से 21 साल पहले सचिन ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 88 रन बनाये थे जब वो लोट कर पवेलियन आ रहे थे तो उनकी आँखों मै आंसू थे !अपने करियर का पहले  शतक से चुक जाने का दर्द उनकी आँखों से साफ़ झलक रहा था ! उसी सचिन ने उस दर्द को अपने ज़ेहन मै एसे संजोया  की उसे ही अपनी हिम्मत बनाकर आगे का सफ़र जारी रखते हुए  टेस्ट क्रिकेट मै अपनी 50 वी सेंचुरी  दर्ज कर दी ! क्रिकेट के प्रति उनके बेइंतिहा  प्यार , सम्मान  और प्रशंसको के विश्वाश को बनाये रखने के ज़ज्बे ने उनके लक्ष्य तक पहुँचने के सफ़र को आसां बना दिया ! सचिन के चाहने
तेरे सुर से हम सुर मिलायेंगे जी हाँ दोस्तों तेरे सुर से हम सुर मिलायेंगे जो हो पसंद तुझ को वही बात हम कहेंगे इसी तर्ज़ पर कल कोंग्रेस का महा अधिवेशन समोण हुआ अधिवेशन का मुख्य उद्देश्य सोनिया गाँधी का अध्यक्ष कार्यकाल तीन वर्ष से बढा कर पांच वर्ष करना था लेकिन इस अधिवेशन में ख़ास कर राहुल के लियें विक्लिक्स वेबसाईट के बयान के बाद उपजे विवाद को मुख्य आधार नया गया । कोंग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने बयान का भावार्थ बदल कर पुर जोर शब्दों में कहा के देश में अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक दोनों तरह के ही आतंकवाद घातक हें , सोनिया ने भ्रस्ताचार के मुद्दों को भी गोण कर दिया और मनमोहन सिंह के गुणगान शुरू कर दिए , खुद राहुल गांधी ने भी अधिवेशन में अपनी ही बात को दुसरे तरीके से दोहराया लेकिन कोंग्रेस की मां हो चाहे कोंग्रेस का बेटा हो दोनों की एक बात हु बहू मिलती जुलती रही जिसमें खास बात यह थी की सोनिया और राहुल गाँधी का भाषण खुद का मोलिक नहीं था दोनों ने किसी और से लिखवा कर अपना भाषण पढ़ा हे अब दिग्विजय सिंह ने तो संघ की तुलना हिटलर से कर डाली और कथित राष्ट्र्तवाद का मजाक भी उढ़ा