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Showing posts from November 11, 2010

नारी जीवन की एक कहानी

कल नारी जीवन की एक कहानी सुनी ! उसी की कहानी उसी की जुबानी सुनी ! ३० साल जिसने उस घर को संजोने मै लगाया ! आज उसी घर को छोड़ने का उसने मन बनाया ! खटी- मीठी यादे उसे इतने लम्बे समय तक रोके तो रही पर उसे  बेइंतहा  दर्द  भी देती रही ! सबने अलग अलग ठंग से उसका प्यार तो लिया ! पर उसकी झोली मै तो हर पल दर्द  ही दिया ! घर से निकलते वक़्त भी आंसुओ  ने उसका दामन न छोड़ा ! क्युकी उस वक़्त भी उसे उसी घर का ख्याल आया ! कितना समर्पण है नारी शक्ति मै , इतना दर्द आँचल मै समेटे रहती है ! फिर भी  हर पल प्यार बाँटती  फिरती है ! काश इसको कोई समझ सकता ! तो इसका भी दामन खुशियों से भर जाता !

घृत (घी) और सूर्य किरणों में में पुष्टिदायक तत्त्व- वेदों में विज्ञान !!

मूल  मन्त्र  यहाँ  देखें विदित हो कि आज का विज्ञानं चिल्ला चिल्ला कर घी को और सूर्य कि किरणों को उर्जा का स्रोत कहता है ! और आज सभी लोग इस बात को स्वीकार करते भी हैं ! किन्तु लाखों वर्षों पहले यही तथ्य हमारे मनीषियों ने संपादित किया था क्या हम इस तथ्य को भी जानते हैं या जानने का प्रयास करते हैं क्या ? ऋग्वेद का यह सूक्त आपको इस तथ्य से अवगत कराता है ! संकेत . -- मित्रं हुवे ............................................................ साधन्ता  ! (ऋग्वेद १/२/७) भावार्थ . - घृत के समान पुष्ट, प्राणप्रद प्रकाशक हितैषी पवित्र सूर्य देवता और समर्थ वरुण देवता का आवाहन करता हूँ ! वे हमारी बुद्धि को उर्वरा बनाएं !! टिप्पणी- उक्त मन्त्र में सूर्य को घृत के समान पुष्ट प्राणदायक पवित्र कहा गया है ! अब जरा दादी नानी के नुस्खे याद कीजिये ! जब आप की सेहत को देखते हुए आप के खाने में ढेर सारा घी डालते हुए वो कहा करती थी , बेटा खा ले, मोटा हो जाएगा ! आज का विज्ञान क्या कहता है ये तो आप सब को पता होगा ! घी की शक्ति का प्रमाण मिल जाने के बाद मन्त्र के आगे के भाग पर गौर करें तो देखते हैं कि घी के