Skip to main content

Posts

Showing posts from September 10, 2010

संजय सेन सागर कल इंदौर आ रहे है.

इंदौर के ब्लॉगर बंधुओं को सूचना देना चाहता हूँ की मैं [ संजय सेन सागर] कल इंदौर  आ रहा हूँ तथा पूरा दिन इंदौर में आवारगी करता फिरूंगा,सो जो ब्लॉगर बंधू मुझे मिलने  की इच्छा रखते है तो कृपा कर इस नंबर पर संपर्क करें ...09907048438. इसके पश्चात दिन रविवार को उज्जैन के ब्लॉगर बंधू मिल सकते है क्यों की उस दिन मैं उज्जैन में रहूँगा.. संजय सेन सागर  

ब्‍लागजगत के तकनीकि विशेषज्ञों से एक विनम्र निवेदन, कृपया सहायता करें ।।

  ब्‍लाग जगत पर संस्‍कृत भाषा का विकास अभी अपनी प्रारम्भिक अवस्‍था में है । इसे और भी  आगे ले जाने के लिये हमारे कुछ विद्वद्जन  पूरे मनोयोग से सहयोग कर रहे हैं तथापि तकनीकिक ज्ञान न होने के कारण अभी हम सक्षम नहीं हो पा रहे हैं इस कार्य को सुचारू रूप से आगे बढाने में । हालाँकि श्री अंकुर जी और श्री नवीन जी यदा-कदा सहायता करते रहते हैं , जिसके लिये हम इनके आभारी हैं , किन्‍तु इनके पास पर्याप्‍त समय न होने के कारण संस्‍कृतजगत की आवश्‍यकताएँ समय पर पूरी नहीं हो पाती हैं । और संस्‍कृत की कक्ष्‍या भी तकनीकिक न्‍यून ज्ञान के ही कारण सम्‍यक गतिमान नहीं हो पा रही है । अत: मैं आनन्‍द आप सब से अनुरोध करता हूँ कि यदि आपमें से कोई भी संस्‍कृतप्रेमी, जो तकनीकि का जानकार हो संस्‍कृत सेवार्थ हमें अपना समय दे सके तो आभारी रहूँगा । संस्‍कृत के प्रसार से भारत की जडें मजबूत होंगी और भारत शनै:-शनै: पुन: विश्‍वगुरू का अपना पुराना रूप प्राप्‍त कर लेगा । अत: यदि आप संस्‍कृत की सेवा करते हैं तो यह सारे भारत की सेवा होगी । मेरा विनम्र निवेदन है तकनीकिजगत के विद्वानों से कि कृपया हमारी सहायता करें । आशा है हमार

नमस्‍कार , आवश्‍यक आग्रह

  नमस्‍कार हमारे संस्‍कृतपरिवार में श्री भूपेन्‍द्र जी ज्‍योतिषविषय के लेखक के रूप में जुड चुके हैं तथा इन्‍होनें अपना पहला लेख भी प्रस्‍तुत कर दिया है । मैं आप सब से अनुरोध करता हूँ कि उनके स्‍वागत में कम से कम एक टिप्‍पणी जरूर दें । उनके द्वारा प्रस्‍तुत प्रथम लेख ज्योतिष-शास्त्रम्   पर कम से कम एक टिप्‍पणी जरूर करें । संस्‍कृते के प्रसार में उनका उत्‍साह वर्धन करें । धन्‍यवाद भवदीय:- आनन्‍द:

ज्ञान निकेतन, पटना का रजत जयंती समारोह : Silver Jubilee Celebrations of Gyan Niketan, Patna

कल 09.09.2010 को ज्ञान निकेतन स्कूल का रजत जयंती समारोह स्थानीय श्रीकृष्ण मेमोरिअल हॉल, पटना में मनाया गया.  इस समारोह में दुर्भाग्य से मैं भी पहुँच गया था.  पर यदि मैं वहाँ नहीं पहुँचता तो मुझे यह रिपोर्ट लिखने का सौभाग्य नहीं मिलता.  बुलाये गए लोगों को दिए गए invitation card पर 03:30 pm तक आने के लिए लिखा गया था व समारोह प्रारंभ होने का समय 04:00 pm से 07:00 pm लिखा गया था.  मैं भी अपने ऑफिस से लगभग सवा तीन बजे छुट्टी लेकर समारोह स्थल गया.  हॉल के अंदर का हालत बहुत ही विचित्र थी.  सभी लोग गर्मी से व्याकुल थे.  हॉल के अंदर न तो पंखा की व्यवस्था थी और न ही एसी (AC) ही चल रहा था.  हॉल के अंदर (क्षमता से अधिक) लगभग तीन हजार व्यक्ति गर्मी में बंद थे व गर्मी से राहत पाने के लिए लोग अपने invitation card या रुमाल से हवा पाने की कोशिश कर रहे थे.  अपने पसीना पोछने के लिए लोग रुमाल का इस्तेमाल कर रहे थे.  आखिर स्कूल के बच्चे के कार्यक्रम में बच्चे व अभिभावक ही तो वहाँ पहुंचे थे.  वे किसी तरह समय बिता रहे थे.  महामहिम राज्यपाल श्री देवानंद कुमार को आने में लेट (विलम्ब) हुआ इस कारण अपने निर्धारित

कविता: जीवन अँगना को महकाया -संजीव 'सलिल'

कविता: जीवन अँगना को महकाया संजीव 'सलिल' * * जीवन अँगना को महकाया श्वास-बेल पर खिली कली की स्नेह-सुरभि ने. कली हँसी तो फ़ैली खुशबू स्वर्ग हुआ घर. कली बने नन्हीं सी गुडिया. ममता, वात्सल्य की पुडिया. शुभ्र-नर्म गोला कपास का, किरण पुंज सोनल उजास का. उगे कली के हाथ-पैर फिर उठी, बैठ, गिर, खड़ी हुई वह. ठुमक-ठुमक छन-छननन-छनछन अँगना बजी पैंजन प्यारी दादी-नानी थीं बलिहारी. * कली उड़ी फुर्र... बनकर बुलबुल पा मयूर-पंख हँस-झूमी. कोमल पद, संकल्प ध्रुव सदृश नील-गगन को देख मचलती आभा नभ को नाप रही थी. नवल पंखुडियाँ ऊगीं खाकी मुद्रा-छवि थी अब की बाँकी. थाम हाथ में बड़ी रायफल कली निशाना साध रही थी. छननन घुँघरू, धाँय निशाना ता-ता-थैया, दायें-बायें लास-हास, संकल्प-शौर्य भी कली लिख रही नयी कहानी बहे नर्मदा में ज्यों पानी. बाधाओं की श्याम शिलाएँ संगमरमरी शिला सफलता कोशिश धुंआधार की धरा संकल्पों का सुदृढ़ किनारा. * कली न रुकती, कली न झुकती, कली न थकती, कली न चुकती. गुप-चुप, गुप-चुप बहती जाती. नित नव मंजिल गहती जाती. कली हँसी पुष्पायी आशा. सफल साधना, फलित