.. आज जिसप्रकार हिन्दी के चिट्ठाकार अपने लघु प्रयास से व्यापक प्रभामंडल बनाने में सफल हो रहे हैं , वह भी साधन और सूचना की न्यूनता के बावजूद , कम संतोष की बात नही है । हिन्दी को अंतर्राष्ट्रीय स्वरुप देने में हर उस ब्लोगर की महत्वपूर्ण भुमिका है जो बेहतर प्रस्तुतीकरण , गंभीर चिंतन , सम सामयिक विषयों पर सूक्ष्मदृष्टि , सृजनात्मकता , समाज की कु संगतियों पर प्रहार और साहित्यिक - सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से अपनी बात रखने में सफल हो रहे हैं। ब्लॉग लेखन और वाचन के लिए सबसे सुखद पहलू तो यह है कि हिन्दी में बेहतर ब्लॉग लेखन की शुरुआत हो चुकी है जो हम सभी के लिए शुभ संकेत का द्योतक है । हम चर्चा करेंगे वर्ष -२००९ के उन महत्वपूर्ण चिट्ठों की जिनके पोस्ट पढ़ते हुए हमें महसूस हुआ कि यह विचित्र किंतु सत्य है । यानी आज की इस चर्चा में हम चौंकाने वाले उन आलेखों की बात करेंगे जिन्हें पढ़ने के बाद आप यह कहने को विवश हो जायेंगे कि क्या सचमुच ऐसा ही है ? आईये उत्सुकता बढ़ाने वाले आलेख