सुप्रसिद्ध  अर्थशास्त्री  श्री  कमल  नयन  काबरा  की  शीघ्र  प्रकाशित  होने  वाली  पुस्तक   ' आम  आदमी  - बजट  और  उदारीकरण ' प्रकाशन  संस्थान  नई  दिल्ली  से  प्रकाशित  हो  रही  है  जिसकी  कीमत  250  रुपये  है  उसी  पुस्तक  के  कुछ  अंश  नेट  पर  प्रकाशित  किये  जा  रहे  हैं । - सुमन  देश में असमानताएँ, गरीबी, आजीविका विहीनता, असुरक्षा बढ़ी हैं। कारण-अकारण निजी तथा सामूहिक (भीड़) के स्तर पर आक्रोश के हिंसक धमाके-वाकये आम घटना बन गये हैं, कुछ सैकड़ो असुरक्षित नेताओं की जान की रक्षा करने पर 5 से 6 सौ करोड़ रूपए फूँके जा रहे हैं और हजारों- लाखों लोग चंद बाहरी-अन्दरूनी आतंकियों  के शिकार बनते रहते हैं। पर्यावरण प्रदूषण तथा प्राकृतिक संसाधनों की घटती मात्रा तथा गिरती गुणवत्ता बजट में उधार जुटाई गयी अतिविशाल राशि के बोझ से भी ज्यादा बोझ अजन्मी भावी पीढ़ियों पर डाल रहे है। इन सब सवालों से कन्नी काटते हुए वही बढ़त दर को बढ़ाने का खटराग लगातार हमारे बजटकारों का महँगा, अदूरदर्शी, असामाजिक शौक बना हुआ हैं। अभी एक जगह विजयदान देथा ने लिखा था कि पूरी तरह करोड़ों तारों से रोशन आसमान कि तरह धरती के अ...