Skip to main content

Posts

Showing posts from July 17, 2009

सच का सामना, पति की सुपारी दी थी पर मरने से बच गया

पीयूष पांडे क्या आपके पति या पत्नी को मालूम न चले तो आप उन्हें धोखा दे सकते हैं? क्या आपका पत्नी की बहन से कभी अफेयर रहा है? क्या आपकी मां आपके बच्चों से ज्यादा आपके भाई के बच्चों को प्यार करती हैं? क्या आपने शादी से पहले सेक्स किया है? और क्या आपके दिमाग में कभी अपने पति या पत्नी की हत्या का ख्याल आया है? ‘हां’ और ‘न’ की सीमाओं में बंधकर ऐसे तमाम सवालों के जवाब और इसके रोमांच से टेलीविजन दर्शक रूबरू होने को तैयार हैं- रिएलिटी शो सच का सामना के जरिए। अमेरिकी रिएलिटी शो द मूमेंट ऑफ ट्रुथ का देशी संस्करण ‘सच का सामना’ भारतीय टेलीविजन चैनलों पर रिएलिटी शो के एक नए युग की शुरुआत कर सकता है। रिएलिटी शो के अतीत पर नजर डालें तो परंपरागत अंताक्षरी से लेकर नाच गाने के इंडियन आइडल जैसे तमाम कार्यक्रमों में दर्शकों को लुभाने के लिए गाने-बजाने का सहारा लिया गया। इस बीच, कौन बनेगा करोड़पति जैसा कार्यक्रम भारतीय सिनेमा के महानायक अमिताभ बच्चन के कंधों पर सवार होकर पहली बार छोटे पर्दे के जरिए एक करोड़ रुपए जीतने का ख्वाब लेकर ड्राइंगरूम में दाखिल हुआ तो वो भी सफल साबित हुआ। हालांकि, इसकी सफलता में अ

सच का सामना ..दिल टूट सकता है..

जब सच्चाई की पोल को खोलेगे॥ जीवन की धार हमास जायेगी॥ जो प्रेम रूप की नौका है॥ मजधार में आके रूक जायेगी॥ लय - प्रलय भी हो सकती है॥ बाढ़ तो पक्का आ जायेगी॥ कडुवाहट की बूंदे टपके गी॥ उथल पुथल से मच जायेगी॥ जब छत्ते पर ईट हम फेकेगे॥ मधुमक्खी जिंदा खा जायेगी॥ जब सच्चाई की पोल को खोलेगे॥ जीवन की धार हमास जायेगी॥ जो प्रेम रूप की नौका है॥ मजधार में आके रूक जायेगी॥

सच का सामना...

सच की पोल जो खोले गे॥ जीवन की धार हमास जायेगी॥ प्रेम रूप की जो नौका है॥ मजधार में आके रूक जायेगी॥ लयप्रलय भी सकती है॥ बाढ़ तो पक्का आ जायेगी॥ कड़वाहट की बूंदे टपके गी॥ उथल पुथल सी मच जायेगी॥ छत्ते पे ईट जब मारेगे॥ मधुमक्खी जिंदा खा जायेगी॥