अराजकता और अव्यवस्था के दौर में उत्तर प्रदेश सरकार के आंबेडकर ग्राम विकास योजना के मंत्री रतनलाल अहिरवार व उनके दो पुत्रों को शिवपुरी मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने एक - एक वर्ष की सजा सुनाई । आश्चर्य इस बात का है कि पहले अपराधियों को मंत्री बनाया गया और सजा होने के बाद भी सजायाफ्ता के रूप में मंत्री पद पर सुशोभित हैं । प्रदेश में सरकार के ऊपर अपराधियों का एक गिरोह काबिज होता है और जब जनता उससे ऊब जाती है तो दूसरे अपराधी गिरोह का कब्ज़ा हो जाता है । यही क्या लोकतान्त्रिक परंपरा है ? और इससे ज्यादा बुरी स्तिथि नौकरशाहों की है । उनके बड़े - बड़े घोटालों व आर्थिक अपराधों के खिलाफ सरकार कार्यवाही करने में अक्षम साबित होती है । उनके खिलाफ मुकदमा चलने के लिए अभियोजन की अनुमति की आवश्यकता होती है । सरकार में बैठे हुए अपराधी तत्व अभियोजन की मंजूरी ही नहीं होने देते हैं । जिससे प्रदेश में बड़े - बड़े आर्थिक अपराधी शासन