हम अहिंसा के पुजारी है ,अमन रखते है। कर भला होग भला, ऐसा वचन रखते है। हमको कमजोर न समझो ऐ दुनिया वालो- तन लंगोटी है मगर सर पर कफ़न रखते है ॥ आंसुओ के बिना नैन वीरान है। चाह के बिना रूप पाषाण है। आदमी का भी हक है वो गलती करे- गलतियों के बिना एक भगवान है॥ सपनो के तार सब टूट टूट जाते है। मिलकर भी मीत छूट छूट जाते है। प्यार का नियम यह हम आजतक न समझे अपने क्यों अपनों से रूठ रूठ जाते है। खो गया सच तलाश करते है। प्यार का पथ तलाश करते है । पीठ के घाव से तड़पकर हम- अत्मियत तलाश करतें है ॥ डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल 'राही'