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Showing posts from December 19, 2008

विक्रम बेताल की सूट कथा

एक समय की बात है। विक्रम अपनी पीठ पर वेताल को लादे सास बहू सीरियल देख रहा था, जो वह पिछले सात सालों से देख रहा था। उससे बोर होकर विक्रम ने वेताल से कहा कि समय काटने के लिए कोई धांसू सी स्टोरी सुनाओ। ऐसा सुनकर वेताल ने कथा की शुरुआत की। एक समय की बात थी कि एक राजा ने स्टिंग आपरेशन करवाया, यह देखने के लिए कौन कौन सा मंत्री क्या क्या खेल करता है। मंत्री नंबर एक स्टिंग आपरेशन हुआ तो यह सामने आया- एक मंत्री अठारह घंटे काम करता था। दफ्तर में काम, घऱ में काम, कार में काम, बेकार में काम। अलां मंत्रालय कमेटी का चैयरमैन, गायब हो रहे मगरमच्छों की वेलफेयर कमेटी का चेयरमैन, भुट्टा विकास समिति का मेंबर, लुच्चा विरोधी समिति का चैयरमैन, माने तरह तरह का चैयरमैन वह मंत्री इत्ता बिजी था कि वह लुच्चा विरोधी समिति की बैठक में यह कह उठता –हमें और पैदा करने हैं, तरह तरह के पैदा करने हैं, एक्सपोर्ट करने हैं। बाद में उसे बताया जाता था कि यह तो भुट्टा विकास समिति की स्पीच है। इत्ता काम इत्ता काम कि सब कहने लगे कि सरकार तो यही चला रहा है। सबको उम्मीद थी कि मंत्री का प्रमोशन होगा। एक मंत्री था, जो बहुत झूठ बोलत

बरसाती मेंढक टुर्र्र तुर्र...

हाय रे मेरे देश की राजनीती... मुए नेताओं को कोई मुद्दा न मिला, पिछले कई दिनों से अंदर ही अंदर किल्बिलाये जा रहे थे। अचानक सांसद अंतुले की जबान ऐंठ गई... वह बोल गया की करकरे को मरने के पीछे साजिश हो सकती है। अबे बेवकूफ इतनी बड़ी साजिश हो गई, सारी दुनिया में दुन्दुभी मच गई, सोया था क्या अभी तक? अब क्या था जिसे देखो अंतुले के पीछे हाथ, पैर, सर सब कुछ धोकर पीछे पड़ गए। कुर्सी भी जाती रही बन्दे की..ये नेता महाराष्ट्र से जुडा हुआ है, इसलिए वहा भी इसका पुरजोर विरोध हुआ। अच्छा लगा की किसी सही बात पे सारे मौकापरस्त एक दिखे। लेकिन उनका क्या जो अभी-अभी समुंदर के खारे पानी में दुबके हुए थे... न जाने कौन सी बयार बही की बरसाती मेंढक की तरह सड़कों पर उतिरा गए। आप बिल्कुल सही समझ रहे है , बात हो रही है अपने आप को भगवन शिव की तथाकथित सेना कहने वाले उन गीदडों की जो मौत बनकर सहर की तरफ़ भागते है। अंतुले ने इनको भी मौका दे दिया तर्ताराने के लिए... अरे मेंढको होश में आओ ये बरसात का नही ठण्ड का महिना है , सड़कों पे दौडोगे तो खामखाह शर्दी लग जायेगी। शर्दी तो दूर की बात है हवा भी लग गई तो शरीर में ऐंठन हो जाय