एक समय की बात है। विक्रम अपनी पीठ पर वेताल को लादे सास बहू सीरियल देख रहा था, जो वह पिछले सात सालों से देख रहा था। उससे बोर होकर विक्रम ने वेताल से कहा कि समय काटने के लिए कोई धांसू सी स्टोरी सुनाओ। ऐसा सुनकर वेताल ने कथा की शुरुआत की। एक समय की बात थी कि एक राजा ने स्टिंग आपरेशन करवाया, यह देखने के लिए कौन कौन सा मंत्री क्या क्या खेल करता है। मंत्री नंबर एक स्टिंग आपरेशन हुआ तो यह सामने आया- एक मंत्री अठारह घंटे काम करता था। दफ्तर में काम, घऱ में काम, कार में काम, बेकार में काम। अलां मंत्रालय कमेटी का चैयरमैन, गायब हो रहे मगरमच्छों की वेलफेयर कमेटी का चेयरमैन, भुट्टा विकास समिति का मेंबर, लुच्चा विरोधी समिति का चैयरमैन, माने तरह तरह का चैयरमैन वह मंत्री इत्ता बिजी था कि वह लुच्चा विरोधी समिति की बैठक में यह कह उठता –हमें और पैदा करने हैं, तरह तरह के पैदा करने हैं, एक्सपोर्ट करने हैं। बाद में उसे बताया जाता था कि यह तो भुट्टा विकास समिति की स्पीच है। इत्ता काम इत्ता काम कि सब कहने लगे कि सरकार तो यही चला रहा है। सबको उम्मीद थी कि मंत्री का प्रमोशन होगा। एक मंत्री था, जो बहुत झूठ बोलत