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Showing posts from February 5, 2011
मुस्कानों का ताज महल ...... Saturday, February 5, 2011 दोस्तों हाडोती में बूंदी के विख्यात पत्रकार जनाब मदन मदिर जो आपात काल के सिपाही भी रहे हें उन्होंने अपने संघर्ष के दोरान सिर्फ और सिर्फ बुराई के खिलाफ लढना सीखा हे उन्होंने कभी किसी के आगे घुटने नहीं टेके कभी कवि से अपने जीवन की शुरात करने वाले यह सियासी समाजवादी आज बूंदी से प्रकाशित देनिक अंगद के प्रधान सम्पादक और मालिक हें पिछले दिनों इन जनाब की एक नई पुस्तक शब्द यात्रा का दिलचस्प विमोचन हुआ उसमें से केवल एक छोटी सी कविता मेरे ब्लोगर भाइयों की सेवा में पेश हे जिसका शीर्षक उन्होंने मुस्कानों का ताजमहल रखा हे ................................. यूँ तो अंतर की धरती पर कई महल आशाओं के सुख सम्पन्न कई मीनारें विजयोल्लास मयी प्राचीरें स्नेह प्रीति की कई सुरंगें सुख सुविधा के अगिन झरोखे सोने चांदी की दीवारे स्वाभिमान के लोह स्तम्भ धेर्य दुर्ग साहसिक कंगूरे टूट टूट कर ढह ढह कर बन गये खंडहर लेकिन अधरों की जमना पर मुस्कानों का ताजमहल अब तक जीवित हे । संकलन अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
प्रणव दा का अलादीन का चिराग ... केंद्र सरकार को पूरी तरह से भ्रस्टाचार और महंगाई में डुबो देने के बाद केन्द्रीय मंत्री प्रणव मुखर्जी अब बिहार की तर्ज़ पर बंगाल को डूबा देने की तय्यारी में हे और इस दोरान केंद्र की महंगाई के मामले में जब उनसे सवाल पूंछा गया तो वो नाराज़ हो गये और कहने लगे के मेरे पास कोई अलादीन का चिराग नहीं हे जो में महंगाई कम कर दूंगा । सही भी हे प्रणव जी और कोंग्रेस इतिहास में अब तक की सबसे अक्षम सरकार साबित हुई हे प्रणव जी का कहना हे के वोह बेबस हे अलादीन का चिराग उनके पास नहीं हे तो भाई राष्ट्र हित में वोह पद छोड़ दे और कुछ केवल कुच्छ दिनों के लियें हमारे ब्लोगर भाइयों में से किसी एक को यह पद दे दें फिर देख लें किस तरह से अलादीन का चिराग महगाई नियंत्रित करने के लियें आ जाता हे हाँ बस जिन लोगों से महंगाई बढाने और मुनाफा कमवाने के लियें इस सकरार ने रिश्वत ली हे बस वोह सब लोग जेल में होंगे और जो जो रिश्वत खोर होगा उसे भी जेल जाना होगा खुद बा खुद देश में मूल्य व्रद्धी रुक जायेगी जमाखोरी कम होगी तो मुनाफाखोरी रुकेगी वायदा व्यापार रुकेगा तो खाध्य प
कोटा में चम्बल एडवेंचर फेस्टिवल आज से . .... कोटा में चम्बल एडवेंचर फेस्टिवेल के तहत आज से तीन दिन टक चम्बल में खेल कूद के अलावा दूसरी रोमांचक प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हे । कोटा में चम्बल का वरदान हे और चम्बल के कारण कोटा में जो खुशहाली हरियाली हे उसे याद करने के लियें गत कई वर्षों से ५ फरवरी से चम्बल फेस्टिवल कोटा में मनाया जा रहा हे । कोटा में इस दोरान प्रशासन और आयोजन समिति की तरफ से कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हें और रचनात्मक रोमांचक कार्यक्रम जेसे रस्सा कशी , बेलून उड़ाना , पहाड़ी और कन्दराओं में रस्सों के बल पर चढना , नोकायाना , वाटर पोलो सहित कई प्रतियोगिताये होती हे । चम्बल के तट पर बसे इस कोटा शहर को चम्बल ने वरदान दिया हे इस अवसर पर चम्बल की पूजा भी होती हे और चम्बल को मां का दर्जा देकर इसे चुनरी वगेरा उढाई जाती हे लेकिन दोस्तों यह चम्बल जहां कोटा के लियें वरदान हे वहीं भ्र्स्ताचारियों के लियें महा वरदान हे यहाँ कोटा में नहर मरम्मत के नाम पर चम्बल शुद्धिकरण के नाम पर किये गये ५० सालों के भ्रस्ताचार का हिसाब लगायें तो यकीन मानिए देश का पूरा कर्ज़
सारी राजनतिक पार्टियां काले धन से चलती हे ... . Friday, February 4, 2011 देश में राज स्थापित कर कुर्सी हडपने की दोड में लगी सभी राजनितिक पार्टियां काले धन को प्राप्त कर अपना काम चलाती हे यह कथन किसी एरे गेरे का नहीं बलके इस अपराध में शामिल एक उद्योगपति सांसद राहुल बजाज का हे जिस की सत्यता पर कोई शक करने का आधार नहीं हे । देश के बढ़े उद्योगपतियों में से एक राहुल बजाज इन दिनों सांसद हे और वोह काले धन पर बोल रहे थे उन्होंने साफ़ शब्दों में कहा के राजनितिक पार्टियां चुनाव के दिनों में उद्योगपतियों से काला धन प्राप्त करती हें पर चुनाव उसी आधार पर लढा जाता हे , राहुल बजाज व्यवाहारिक हें वोह खुद भी सियासी पार्टियों को काले धन का चंदा देने वालों को इसुची में रहे होंगे लेकिन उहोने जो सच उगला हे उससे देश के सामने एक सवाल खड़ा हो गया हे के जब राजनितिक पार्टियां कुर्सी हथियाने के लियें काले धन और काले लोगों का सहारा लेती हे तो फिर कुर्सी मिलने के बाद वोह जनता की कम और ऐसे काले धन कमाने वालों की रक्षक ज्यादा बन जाती हे राजनितिक पार्टियां अब नई कहावत बना चुकी हे जेसे लोग कहते