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Showing posts from November 15, 2009

अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजो

एनआरआई दुल्हों का संताप झेल रही लड़कियों का दर्द हम लड़कियां है, क्या यही हमारा गुनाह है? माता-पिता ने विदेश में सैटल करवाने के मकसद से हमारी शादी एनआरआई लड़कों से कर तो दी, लेकिन हम आज भी मायके में हैं। पति हमें छोड़कर विदेश जा चुके हैं। हमें न्याय की दरकार हैजाने-अनजाने एनआरआई लड़कों से विवाह हो गया। एनआरआई पति विवाह रचाने के बाद छोड़कर विदेश चले गए। अब हमारे पास मायके में रहकर न्याय के लिए चक्कर काटने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा। यह दर्द भरी दास्तां सुनाई एनआरआई युवकों की सताई 24 लड़कियों ने। सर्किट हाउस में मंगलवार को फफक-फफक कर रोते हुए लड़कियों ने कहा कि आखिर वे लड़कियां क्यों हैं? उन्हें अब किसी भी जन्म में लड़की नहीं बनना है। केस-1 कमलजीत कौर की मार्च-2002 में मक्खनलाल से विवाह हुआ और दो साल बाद वह फ्रांस चला गया। पांच साल बाद मक्खनलाल वापस लौटा तो 11 अगस्त को दूसरा विवाह रचा लिया। विवाह करवा कर वह फिर फ्रांस चला गया। अब कमलजीत कौर परिजनों के साथ थाना, पुलिस और अदालत के चक्कर काट रही है केस-2 लतारानी का विवाह अप्रैल-2009 में कपूरथला के अमरजीत के साथ हुआ। डेढ़ माह बाद अमरजीत

नव गीत : चलो भूत से मिलकर आएँ... -संजीव 'सलिल'

नव गीत : संजीव 'सलिल' चलो भूत से मिलकर आएँ... * कल से कल के बीच आज है. शीश चढा, पग गिरा ताज है. कल का गढ़ है आज खंडहर. जड़ जीवन ज्यों भूतों का घर. हो चेतन घुँघरू खनकाएँ. चलो भूत से मिलकर आएँ... * जनगण-हित से बड़ा अहम् था. पल में माटी हुआ वहम था. रहे न राजा, नौकर-चाकर. शेष न जादू या जादूगर. पत्थर छप रह कथा सुनाएँ. चलो भूत से मिलकर आएँ... * जन-रंजन जब साध्य नहीं था. तन-रंजन आराध्य यहीं था. शासक-शासित में यदि अंतर. काल नाश का पढता मंतर. सबक भूत का हम पढ़ पाएँ. चलो भूत से मिलकर आएँ... *

लो क सं घ र्ष !: जेलों में सड़ने को अभिषप्त हैं मुस्लिम युवा-2

आतंकी घटनाओं के संबंध में विभिन्न जगहों से गिरफ्तार आरोपियों पर दर्ज मुकदमे नाम अहमदाबाद ै सूरत दिल्ली मुबंई जयपुर अन्य योग सदिक षेख 20 15 5 1 हैदराबाद कोलकाता 54 आरिफ बदर 20 15 5 1 41 मंसूर असगर 20 15 5 1 41 मो सैफ 20 15 5 5 45 मुफ्ती अबुल बषर 21 15 बेलगाम, हैदराबाद 40 ैं सैफुर रहमान 20 15 6