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Showing posts from August 13, 2009

बच्चों के हित

बच्चों को भी देश के संवैधानिक ढांचे में दखल का अधिकार दिये जाने की बातें जब तब उठती रही हैं, जो वाजिब भी है। आखिर देश में बच्चों की आबादी कम नहीं है और उनके बारे में बहुत गंभीरता से विचार करने वालों ने भी अक्सर उनका बहुत भला नहीं किया है। हमारे देश में जो पारम्परिक ढांचा है उसमें बच्चा अपने अभिभावकों के सपनों और आकांक्षाओं का एक हद तक गुलाम है।सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ बच्चों को भी देश के संवैधानिक ढांचे में दखल का अधिकार दिये जाने की बातें जब तब उठती रही हैं, जो वाजिब भी है। आखिर देश में बच्चों की आबादी कम नहीं है और उनके बारे में बहुत गंभीरता से विचार करने वालों ने भी अक्सर उनका बहुत भला नहीं किया है। हमारे देश में जो पारम्परिक ढांचा है उसमें बच्चा अपने अभिभावकों के सपनों और आकांक्षाओं का एक हद तक गुलाम है। वे उससे वह सब चाहते हैं जो कई बार उसके पैदा होने से पहले से सोच रखा होता है। बगैर उसकी क्षमताओं और रुचियों का आकलन किये उस पर जिम्मेदारियों का बोझ लादने की तैयारी हमेशा रहती है। बच्चों को एक स्वतंत्र सत्ता के रूप में नहीं देखा जाता। कदम-कदम पर उनकी भावनाएं आहत होती हैं और

गीतिका: नर्मदा -आचार्य सन्जीव' सलिल'

सारांश यहाँ गीतिका आचार्य संजीव 'सलिल' साधना हो सफल नर्मदा- नर्मदा. वंदना हो विमल नर्मदा-नर्मदा. संकटों से न हारें, लडें,जीत लें. प्रार्थना हो प्रबल नर्मदा-नर्मदा. नाद अनहद गुंजाती चपल हर लहर. नृत्यरत हर भंवर नर्मदा-नर्मदा. धीर धर पीर हर लें गले से लगा. रख मनोबल अटल नर्मदा-नर्मदा. मोहिनी दीप्ति, आभा मनोरम नवल. नाद निर्मल नवल नर्मदा-नर्मदा. सिर कटाते समर में झुकाते नहीं. शौर्य-अर्णव अटल नर्मदा-नर्मदा. सतपुडा विन्ध्य मेकल सनातन शिखर सोन जुहिला सजल नर्मदा-नर्मदा. आस्था हो शिला, मित्रता हो 'सलिल'. प्रीत-बंधन तरल नर्मदा-नर्मदा. * * * * * आगे पढ़ें के आगे यहाँ

सितारे गीत गायेगे..

चौराहे पर बैठो गे॥ तो नजारे नज़र आयेगे॥ कुछ पूरब को जायेगे॥ कुछ पशिचम को जायेगे॥ कुछ धुंधले हो जायेगे॥ कुछ पास चम्चामायेगे॥ कुछ करेगे इशारे॥ कुछ हसी बिख्रायेगे॥ कुछ तो हमें अपनाएगे॥ कुछ तो उसे ठुक्रायेगे॥ बहेगी प्यार की गंगा॥ सितारे गीत गायेगे...