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Showing posts from February 2, 2009

आरती "आस्था"

तुम कहते हो कि हर किसी कि प्रार्थना के दौरान जलना पड़ता है तुम्हे और हर बार ही होता है तुम्हारा अवमूल्यन क्योकि प्राथना कि स्वीकृति के साथ ही ख़त्म हो जाता है तुम्हारा महत्व................... तुम्हारा  अस्तित्व.............. जबकि सच यह है कि कभी नही होता खत्म मेरा अस्तित्व क्योकि औरो से इतर अनवरत चलने वाली है मेरी अपनी प्रार्थना जिसमे शामिल है हर किसी की अनसुनी प्रार्थना और जिसे कहते हो तुम अवमूल्यन मेरा उसे मैं मूल्यवर्धन क्योकि हर बार प्रार्थना की स्वीकृति के साथ ही बढ़ जाता है मेरा मूल्य मेरी अपनी नजरो मे ....................!

सिटिज़न ब्लॉगर बनिए!!

''हिन्दुस्तान का दर्द'ब्लॉग आपको आमंत्रित करता है,सिटिज़न ब्लॉगर बनने के लिए! अगर बंया करना चाहते अपने दिल की बातों को,और देश के हालातों को लिखना या फिर चाहते हो बहुत कुछ लिखना इस ब्लॉग पर तो अब बस एक क्लीक कीजिये और मेंबर बन जाइये इस ब्लॉग के !बस आपको नीचे दी गयी लिंक पर क्लीक करना है और ईमेल और पासवर्ड भरना है !!और आप बन जायेंगे इस ब्लॉग के मेंबर तो जल्दी से कीजिये क्लीक यहाँ पर!! http://www.blogger.com/i.g?inviteID=1380511338216125383&blogID=3943478865919155049 आगे पढ़ें के आगे यहाँ

क्या भड़ास और मोहल्ला लाइव के मालिक बलात्कारी है

क्या भड़ास और मोहल्ला लाइव के मालिक बलात्कारी है  आज कुछ खोज रही थी तो फिर यादों के पन्नों से कुछ निकल आया..आप भी देखिये   देश के मशहूर ब्लॉग ''मोहल्ला''के आँगन मे आज एक ऐसे गुनाह की सुनवाई होनी है जो उस मोहल्ले मे मालिक के लिए है! जी हां मोहल्ला ब्लॉग के मालिक अविनाश जी पर एक युवती ने छेड़छाड़ और जबरदस्ती का आरोप लगाया है इससे पहेले इसी तरह के एक केस मे ''भड़ास ब्लॉग'' के मालिक यशवंत को भी अदालत की दावत मे शरीक होना पड़ा था उन पर भी बलात्कार का आरोप है !!मुद्दा यहाँ पर यह बनता है की आज क्या ब्लोग्गरों को अबनी इज्जत की जरा भी फ़िक्र नहीं है या फिर अगर यह एक षडयंत्र है तो आखिर कब तक इसमें फसकर हम यूँ ही बदनाम होते रहेंगे!इसी दिशा मे अविनाश का एक पत्र और एक बह केश जो भड़ास के यशवंत जी से समबंदित है,जिससे मोहल्ला के संपादक अविनाश ने अपने ब्लॉग पर जगह दी थी और साथ ही साथ खूब हो हल्ला भी मचाया था! तो तय कीजिये आप लोग की यहाँ क्या सच है और क्या झूठ क्या सचमुच एक झूठ से सब कुछ ख़त्म हो जाता है? मुझ पर जो अशोभनीय लांछन लगे हैं, ये उनका जवाब नहीं है। इस

सब कुछ बदल जाएगा, सिवाय ईश्वर के

विनय बिहारी सिंह बात अठारहवीं शताब्दी की है। बहुत दिनों से एक व्यक्ति को एक संत से मिलने की इच्छा थी। वे काफी दूर रहते थे। अपने कामकाज में बहुत ज्यादा व्यस्त होने के कारण इस व्यक्ति को मौका ही नहीं मिल पाता था कि वह यात्रा का समय निकाले। संयोग से पांच साल बाद उसे यह मौका मिल ही गया। उसे व्यवसाय के सिलसिले में उसी इलाके में जाना था। वह संत से मिला। उसे बहुत सुकून मिला। जब वह चलने लगा तो संत ने उसे एक कागज पर कुछ लिख कर दिया औऱ कहा- जब भी तुम किसी अच्छे या बुरे अनुभव से गुजरो, इसे पढ़ लेना लेकिन इसके पहले इस कागज को मत पढ़ना। संत से ऐसा उपहार पाकर वह बहुत खुश हुआ। गरीब छात्रों को छात्रवृत्ति देने की पहल के लिए एक बार उसका नगर में सम्मान हुआ। फूल- मालाओं उसे लाद दिया गया। उसकी तारीफ में बहुत कुछ कहा गया। वह तो आनंद में हिलोरें ले रहा था। तभी उसे संत की बात याद आई। वह उनका दिया कागज हमेशा रखता था। उसने कागज खोल कर देखा। उस पर लिखा था- यह भी बीत जाएगा। उसे लगा- अरे हां। यह सुख भी तो क्षणिक ही है। तब उसने अपने सम्मान को बहुत साधारण घटना माना और खुश हुआ कि उसे इस बात का चैतन्य हुआ। संत ने कह

यूपी के मदरसों में नहीं पढ़ेंगे लड़का-लड़की एक साथ

सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ उत्तर प्रदेश के मदरसों में अब लड़के-लड़कियां साथ में नहीं पढ़ सकेंगे। यूपी मदरसा बो र्ड ने को-एजुकेशन पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया है। बोर्ड के फरमान के मुताबिक बालिग छात्र और छात्राओं को अब अलग-अलग मदरसों में पढ़ना होगा और जो मदरसे इस नियम को नहीं मानेंगे उनकी मान्यता रद्द कर दी जाएगी। जूनियर हाई स्कूल के बाद छात्र और छात्राओं को अलग-अलग मदरसों में पढ़ना होगा। यूपी मदरसा बोर्ड के चेयरमैन हाजी रिजवानुर हक का कहना है कि हमने सभी को ताकीद कर दी है कि जिस मदरसे को लड़कों की मान्यता मिली है वहां लड़के और जहां पर लड़कियों की मान्यता है वहां सिर्फ लड़कियां ही पढ़ेंगी। मदरसों में को-एजुकेशन पर पाबंदी के लिए मदरसा बोर्ड ने मजहबी कानून की दुहाई दी है। उसका तर्क है कि इस्लाम में महिलाओं को नेत्रहीन मर्दों से भी पर्दा करने का हुक्म है। ऐसे में बालिग लड़के-लड़कियों को मदरसों में एक साथ पढ़ाना सरासर गलत है। हक ने कहा कि हमारे यहां नाबीनों से भी पर्दा करने को कहा गया है, जूनियर हाईस्कूल तक तो बच्चे बालिग नहीं होते हैं लेकिन हाईस्कूल और इंटरमीडिएट तक के बच्चे तो बालि

गुलजार की नई किताब 'यार जुलाहे' प्रकाशित

ऑस्‍कर पुरस्‍कारों के लिए फिल्‍म 'स्‍लमडॉग मिलेनियर' में 'जय हो...' गीत लिखने वाले मशहूर गीतकार गुलजार की नई किताब 'यार जुलाहे' बाजार में आ गयी है.किताब का संपादन यतीन्द्र मिश्र ने किया है. वाणी प्रकाशन के साथ गुलजार की प्रकाशित होने वाली ये दूसरी किताब है. मशहूर नज़्मों से सजी इस किताब की कुछ नज़्में गुलज़ार ने जयपुर में सुनाईं। आगे यहाँ