अब तो सच से दर लगता है... By shambhu_007 October 08, 2011 सच कहने से पता नहीं क्यों॥ उछल कूद मच जाती है॥ शांत मौन हो बैठ जाते है... बुराई हमें रुलाती है॥ हैरत अंगेज करिश्मे होते॥ ताली सभी बजाते है॥ बेईमानो के साथ खड़े हो॥ हाथ सभी उठाते है॥ बुरे लोगो के साथ हमेशा॥ परछाई भी मुस्काती है॥ Read more