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Showing posts from January 8, 2010

लो क सं घ र्ष !: सब कुछ लुटा के होश में आए....

सपा के प्रभावशाली लीडर अमर सिंह ने दुबई में बैठकर पार्टी के सभी महत्वपूर्ण क्रमशः महामंत्री, प्रवक्ता एवं संसदीय बोर्ड की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उनका यह इस्तीफा ऐसे समय पर आया है जब पार्टी के अन्दर से उनकी कार्यशैली के विरूद्ध बुजुर्ग समाजवादी लीडर ज्ञानेश्वर मिश्रा एवं पार्टी में सबसे समझदार माने जाने वाले डा0 राम गोपाल यादव के विरोध के स्तर फूटने प्रारम्भ हो गये थे और पार्टी मुखिया इस पर खामोश थे। वर्ष 1993 में आकर पार्टी के ब्राण्ड एम्बेस्डर का रोल निभाने वाले अमर सिंह ने चंद वर्षों के दौरान जिस प्रकार मुलायम सिंह के दिमाग पर अपना बंगाल का काला जादू चढ़ाया था, जहां से उन्होंने कांग्रेसी लीडर सिद्धार्थशंकर राम की छत्रछाया में राजनीति की ए0बी0सी0डी0 सीखी थी, उसके चलते सपा के सबके बाद एक दिग्गज नेता किनारे लगते चले गये। चाहे वह ज्ञानेश्वर मिश्रा हो या डा0 रामगोपाल यादव चाहे वह शफीकुर्रहमान बर्क रहे हों या सलीम शेरवानी, चाहे वह बेनी प्रसाद वर्मा रहे हो या आजम खां या राज बब्बर अन्त में मुलायम का हाल यह हुआ कि सारी खुदाई एक तरफ अमर प्रेम एक तरफ। मुलायम पर अमर सिंह का ऐसा नशा चढ़ा कि वह

अन्धता,अंधे और अंधविश्वास का अर्थ व सच ---

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