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Showing posts from March 26, 2010

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आदरणीय जैन ब्लोगर मित्रो ! सादर जय जिनेन्द्र ! मैंने लेखन का वह दोर भी देखा है तब कलम को स्याही के दवात में डुबोकर लेखक लिखता था, और उस दोर के पाठक  साहित्य को सफ़ेद या मटिया रंग से उस पर कवर चढाकर संजो के रखते थे और पढ़ते  थे. युग बदला... यंत्र बदले. लिखने और पढनेका का तरीका बदला. जैसे -जैसे नई-नई तकनीके, प्रोधोगिकी का विकास हो रहा है यंत्रो का विकास हो रहा है. कम्प्यूटर युग में हमारी लेखकी भी और पाठक भी यांत्रिक हो गए है. इसमे कोई विवाद नही है. बल्कि विकास के नये दरवाजे खुले है सहज शुलभता बढ़ी है. आजकल ई लेखन  की बड़ी धूम है. ना किताबे  खरीदने की चिंता ना उसके रखरखाव का बडन! इस कम्प्यूटर युग की क्रान्ति ने तो लेखन एवं लेखको का चेहरा ही बदल दिया है. मुझे लेखन का जो रूप सबसे अधिक पसंद आया वो है ब्लोगिग. ब्लोगिग एक उत्तम माध्यम बन पड़ा  है विचारों के सम्प्रेष्ण के लिए. बिना खर्चे के ही आप अपने विचारों को पाठको तक पहुचाने में सक्षम है. वो भी सचित्र! अति उत्तम ! ब्लोगिग का दुसरा स्वरूप भी मुझे व्यवहारिक जीवन के लिए उत्तम लगा. ब्लोगिग ने तो सोसल- नेटवर्किग के सारे रिकोर्ड धवस्त कर दीए....पाठ

लो क सं घ र्ष !: उ0प्र0 सरकार का गुप्त हिन्दुत्व एजेन्डा

मुजफ्फरनगर जिले की खतोली तहसील में स्थित थाना मंसूरपुर के ग्राम पोर बालियान में एक मस्जिद को गिरा कर उस पर पुलिस चौकी स्थापित करने का मामला चर्चा में आया है। समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार को संज्ञान में लेते हुए उ0प्र0 अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष एस0एम0ए0 काजमी ने मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी से रिपोर्ट भी तलब कर ली है। पुलिस का कहना है कि उसने ग्राम पंचायत की भूमि पर नाजायज तौर पर बनी इमारत से उसे रिक्त कराया है। जबकि मुस्लिम पक्ष के अनुसार ग्राम पंचायत की भूमि का पट्टा एक मुसलमान शरीफ को हुआ था जिसके मरणोपरांत उसके लड़के ने इस पर मस्जिद दारूल उलूम देवबन्द से फतवा लेने के बाद बनवाई थी। यह बात बिल्कुल दुरूस्त है कि किसी विवादित भूमि पर मस्जिद नहीं बनवाई जा सकती है मस्जिद के लिए शरई हुक्म है कि वह भूमि हर विवाद से पाक-साफ हो और उसे ईश्वर के नाम पर वक्फ किया गया हो। मुजफ्फर नगर की मस्जिद यदि ग्राम समाज की भूमि पर धोखाधड़ी से बनवाई गई थी तो वह मस्जिद की ईमारत तो हो सकती है अल्लाह का इबादतगाह नहीं। मुजफ्फरनगर की तहसील खतोली के ग्राम पोर बालियान की यह मस्जिद जो उस क्षेत्र के