हम ने सुना है कि यात्रियों केा गिरहकट एक दूसरे के हाथ बेच लिया करते थे, बोलियाँ लगवाकर नीलाम करते थे, बेचारे मुसाफिर को खबर तक न होती थी। अब क्रिकेट प्रेमियों की भी जेब किसी न किसी रूप में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कटती है। आप कहेंगे कि हम यह नहीं मानते, न मानिये, यह तो मानेंगे कि आई0पी0एल0 (इण्डियन प्रीमियर लीग) जो बी0सी0सी0आई0 की एक उप समिति है, ने बड़ी बड़ी बोलियों पर मैचों की नीलामी की है। अब आप खुद सोचिये कि नीलामी छुड़ाने वाले घाटे का सौदा तो करेंगे नहीं, जितना खर्च करेंगे, उससे ज्यादा कहीं न कहीं से प्राप्त करेंगे। इतनी सी बात से आप यह सूत्र पा गये होंगे कि आई0पी0एल0 के कमिश्नर ललित मोदी और विदेश राज्यमंत्री शशि थुरूर के बीच झगड़ा किस बात का था और सुनंदा पुष्कर का क्या किस्सा है। सभी अपनी अपनी बचत में एक दूसरे की पोल खोल रहे थे और यह जनता है कि सब जानती है। इस संक्षेप को अगर विस्तार दिया जाय तो कहानी लम्बी हो जायेगी काफी खुलासा हो चुका है। बात पूछोगे तो बढ़ जायगी फिर बात बहुत। बस थोड़ा और स्पष्ट कर दूं। टवेंटी-20 मैंचेों को लोकप्रिय बनाने का श्रेय आई0पी