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Showing posts from November 11, 2008

महाराष्ट्र के मराठी तालिबान

महाराष्ट्र के मराठी तालीबान शक्तिसंचय और शक्तिप्रदर्शन मूल तत्व हैं जिसे जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र या प्रांत के आधार पर लोगों के भडकने और गोलबंद होने में हासिल किया जाता है। इस सच्ची बात को कहने में राज ठाकरे ने उस मानसिकता को एकदम सच-सच उजागर किया जिसे हर किस्म के आंतकवाद का दाना-पानी कहा जा सकता है। ठाकरेगिरि के इसमें पुलिस की जिस मानसिकता को जायज ठहराया गया, उसके परिणाम झेलते हुए समूचा नागरिक समाज त्रस्त है। हरियाणा के भिवानी में बगैर कुछ पूछे गोली मार देने की घटना को आप क्या कहेंगे? मूल प्रश्न क्या हैं? जिसे राज ठाकरे कवच की तरह आगे बढाते हैं या जिसे मुंबई पुलिस ने दिखाया या जिसे पटना में राहुल राज की शवयात्रा में शामिल लोगों के तेवर और उछलते नारों के स्वर प्रकट कर रहे थे या जिसे दशकों से मुंबई में बसे गैर-मराठी लोगों समेत हर किस्म के अल्पसंख्यकों के राजनीतिक, सामाजिक, सांस्क्तिक और आर्थिक अधिकारों से जोडा जाता है? क्या इन सभी प्रश्नों को किसी लोकतांत्रिाक समाज की संरचना के मूल प्रश्न नहीं मानना चाहिए हैं? लेकिन इनकी अलग-अलग विवेचना करने और साथ-साथ स

कांग्रेस का गुण्डा'राज'

कांग्रेस का गुण्डा'राज' आगजनी, तोड़फोड़, करोड़ों का नुकसान, उत्तरभारतीयों की सरेआम पिटाई फिर भी धारा १४४ के बीच कल्याण की अदालत राज ठाकरे को जमानत दे देती है. एक दूसरी कोर्ट पहले ही अग्रिम जमानत दे चुकी है. उत्तर भारतीयों की तर्ज पर पान खानेवाले आरआर पाटिल फिर भी कह रहे हैं कि उनका कानून मंत्रालय अध्ययन में मशगूल है. मुख्यमंत्री बिलासराव कह रहे हैं कि वे विक्रोली कोर्ट की अग्रिम जमानत को खारिज करने के लिए सरकार की ओर से अर्जी देंगे. कब? पता नहीं. मुंबई के स्थानीय "मी मुंबईकर" मान रहे हैं कि उनके लिए दूसरी बार 'असली मर्द' पैदा हो गया है जो संभवतः भैया लोगों के प्रकोप से मुंबई को मुक्त करा देगा. असली मर्द की परिभाषा लिखते समय मराठी बुद्धिजीवी यह बताना नहीं भूलते कि "बाल ठाकरे का खून इसी की रगों में है." इसे आप अवैध संतान की मानसिकता से मत जोड़िये. इसे उत्तराधिकार मानिए. उद्धव "ठंडा खून" है. उबाल ही नहीं लेता. राज को देखो, गरम खून है. दहाड़े मारकर, ताल ठोंककर और ललकार कर कैसे भैया लोगों को पीटकर भगा रहा है. मर

भारत टीम ने ऑस्ट्रेलिया की फाड़ डाली

भारत टीम ने ऑस्ट्रेलिया की फाड़ डाली भारत टीम ने ऑस्ट्रेलिया की फाड़ डाली और सीरिज़ २-० से जीत ली! अच्छा ही हुआ काफी दिनों से देख रहे थे, वो साला गिलक्रिस्ट सचिन पर ऊँगली उठा रहा था, झूठा कह रहा था वो भी उस सचिन को जिसे हम पूजते है और उनका वो कप्तान क्या नाम है उसका हां - रिकी पोंटिंग ...इसी ऐसी की तैसी हरभजन के पीछे पड़ा था इसलिए बहुत अच्छा हुआ !लेकिन अब जो होगा वो ऑस्ट्रेलिया की हवा निकाल देगा , पहेले ऑस्ट्रेलिया मीडिया टीम के बाल की खाल निकल चुका है और अब ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड रिकी पोंटिंग की मारने की तैयारी कर रहा है अच्छा होगा ..बहुत अच्छा होगा !! पता नहीं ऑस्ट्रेलिया को कंगारू क्यों कहते है मुझे तो कुत्ते और कंगारू एक से ही लगते है..कोई अंतर नजर ही नहीं आता! ऑस्ट्रेलिया टीम को खुद पर इतना घमंड है की किसी और को को वो कुछ समझते ही नहीं है,क्रिकेट को बाप की संपत्ति समझते है जिसे माँ दहेज़ मे लायी हो !अरे भैया पता है आप अच्छी क्रिकेट खेल लेते हो लेकिन अपनी मे छुपा कर रखो ..सबको खोल खोलकर क्यों दिखाते हो इससे इसे मिलने बाली तो है नहीं..अरे भैया तारीफ की बात कर रहा हूँ...हमारी टीम