27 नवंबर की सुबह अखबारों में एक फोटो छपी थी जो अजमल आमिर कसाव की थी. कसाब जिस हाथ में एक-47 लेकर आगे बढ़ रहा था उस हाथ में रक्षा सूत्र बंधा हुआ था. वही रक्षासूत्र जो आमतौर हिन्दू तीर्थों में भक्तों के हाथ में बांध दिया जाता है. हो सकता है उस दिन यह बात किसी ने नोटिस नहीं की लेकिन पाकिस्तान मीडिया ने पलटवार करने के लिए उसी तर्क को सामने रख दिया है. दो दिन पहले टाईम्स आफ इंडिया के टीवी चैनल टाईम्स नाऊ से बात करते हुए जीओ टीवी के मुखिया हामिद मीर ने कहा कि आप पाकिस्तान पर आरोप कैसे लगा सकते हैं. और अगर भारत पाकिस्तान पर आरोप लगाता है तो उसकी विश्वसनीयता क्या होगी? थोड़े समय पहले समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट के लिए पाकिस्तान के लोगों को जिम्मेदारा ठहराया गया था लेकिन अब आप ही कह रहे हैं कि आपकी सेना के एक कर्नल ने इसे अंजाम दिया." टाईम्स नाऊ के तेज-तर्रार संपादक अर्णव गोस्वामी के पास कोई जवाब नहीं था. उनके साथ बैठी एंकर ने बात पलट दी. पाकिस्तान प्रायोजित इस आतंकी हमले को लेकर भारतीय मीडिया ने जिस तरह की नादानी दिखाई है उसका नतीजा है कि खुल्लम-खुल्ला हर सबूत होने के बाद भी भारत को