दोहा सलिला By Divya Narmada May 28, 2018 ओशो चिंतन: घाट भुलाना 4 * शिष्य बने कोई अगर, है उसका अधिकार। गुरु न बनूँ मैं, है मुझे, केवल यह स्वीकार।। * पंगु करें गुरु; शिष्य का, लेकर खुद पर भार। अपना बोझा कम नहीं, क्यों लूँ और ... Read more