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Showing posts from April 12, 2010

लो क सं घ र्ष !: जहाँ काम आवै सुई, कहा करै तलवारि

अपने विद्यार्थी-जीवन में, मैंने ‘स्काईर्लाक‘ नाम की दो अंग्रेजी कवितायें पढ़ी थी, एक ‘वर्डस्र्वथ‘ की ‘स्काईलार्क‘ नामक चिड़िया आसमान में उड़ती थी परन्तु ज़मीन की खबर भी रखती थी परन्तु ‘शेली की ‘स्काइर्लाक‘ की उड़ान बहुत ऊँची थी, धरातल से उसका कोई नाता न था। हमारे मीडिया कर्मी चाहे वे प्रिंट के हों, इलेक्ट्रानिक के या अन्य के हों, मुझे माफ करें, ऊँची उड़ान भरने के बड़े माहिर होते है। ख़बरो को चटपता बनाना, बड़ी बात को छोटी करना, छोटी को ‘इनर्लाज‘ करना उनके दाहने हाथ का खेल हैं। चौथे स्तम्भ के हमारे यह मित्र, पाठकों, दर्शकों को पतंग की तरह उड़ाते हैं, उनमें सनसनी पैदा कर देते हैं, उनकी सोच को जिधर चाहें मोड़ देते हैं- पेपर खूब बिकते हैं, दर्शक खाना-पीना भूलकर टी0 वी0 से चिपक जाते हैं, एक बच्चा जो टयूब वेल के गडढे में गिर गया था उसकी दास्तान, महीनों चली थी। हमारें नौजवान शायद मुझ से सहमत न हों कि भारतीय टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा और पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब की आगामी शादी के मामले को ‘शेली‘ की ‘स्काईर्लाक‘ का रूप दिया गया। बच्चों को ही दोष क्यों दें, बूढ़ो की बासी कढ़ीं में भी खू

देशी बाप विलायती लड़का...

शहरी बेटा जब बूढ़े बाप से मिला ,तो एक बार तो ममता कौंध गयी॥ लेकिन उस बुड्ढ़े बाप स्थिति देख कर शहरी बेटा॥ वापस शहर में जाके बस जाता है .और वापस न आने की कसम खाता है। वह सिर्फ अपनी बीबी और बच्चो की परवरिस करना ही अपना महान कर्त्तव्य समझता है॥ क्यों की शहर में उसकी सोशायती हाई फाई हो गयी थी॥ पुरानी गरीबी की कहानी भूल गया था की माँ बाप कैसे कैसे उसे पाले थे॥ बाप तो गरीब था ही लेकिन किसी तरह १२ वी बढ़ा दिया था उसके बार वह शहर आ गया था। और छोटी मोती नौकरी करने लगा था। साथ में पढाई पर भी ध्यान दिया था। और पढ़ करके के कुछ हद तक कामयाब हो गया था। और मिया बीबी खुशहाल थे। कुछ दिनों के बाद उनके यहाँ एक बेटे का जन्म हुया॥ लेकिन यह दुर्भाग्य ही था की लड़का जन्म-जात अंधा था। इधर शहरी बाबू और उनकी बीबी बहुत परेशान॥ धीरे धीरे ये बात बुड्ढ़े बाप को पता चली तो वह शहर आ गया और बहू को देख कर बेटे से कहता की यार तूने तो किसी पारी से शादी कर रखा है। मेरी बहू तो बड़ी खूब सुरुआत है॥ उसके बात पालने पर पड़े पोते को देखता है। तो ख़ुशी से पालने की तरफ दौड़ कर पोते को बुड्ढा गोदी में उठा लेता है॥ लेकिन पोते की आँखे द