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Showing posts from March 17, 2011

aek vaayrs

एक वायरस इंसान तो क्या ....... जी हाँ मशीन को भी ........बना देता हे एक वायरस इंसान तो क्या ....... जी हाँ मशीन को भी ........बना देता हे यह बात फिल्म स्टार नाना पाटेकर के उस फिल्म डायलोग से सीधा समझा जा सकता हे जिसमें उन्होंने एक मच्छर आदमी को क्या बना सकता हे वोह बताया हे .  जी हाँ दोस्तों इंसान तो क्या एक बेजान सी मशीन एक विचार भी अब वायरस से सुरक्षित नहीं हे हमारे कम्प्यूटर को ही लो एक वायरस घुस गया बेचारे कम्प्यूटर के जानकारों ने तिन दिनों तक वायरस की तलाश की लेकिन वायरस था के मिलने का नाम ही नही ले रहा था सोफ्टवेयर से हार्डवेयर में प्रवेश कर गया था इधर वायरस के कम्प्यूटर में आजान से हम बेबस और परेशान थे अपने भाइयों से अपने मार्गदर्शकों से बेबाकी से मिल नहीं पा रहे थे जेसे लोग अख़बार मांग के पढ़ते हें वेसी स्थिति हमारी थी और हम गुपचुप तो कभी किसी के लेब्तोप या कम्प्यूटर से अपना दिल भला रहे थे लेकिन अपना अपना होता हे इसलियें बस अपने कम्प्यूटर के वायरस के खत्म होने तक कसमसा रहे थे और आज दोस्तों आप सभी की दुआ से मेरा यह कम्प्यूटर एक बार फिर वायरस मुक्त हो गया हे . 

कभी सोचा नहीं, क्यों और कैसे मिल रही है सफलता :अमिताभ बच्चन

ऐसा शख्स, जो चालीस साल से लगातार काम कर रहा है, नई-नई परिभाषा गढ़ रहा है, जिसकी सफलता की भूख अभी भी खत्म नहीं हुई है। अमिताभ बच्चन किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वे मानते हैं कि कोई एक ऐसी शक्ति है, जो सबकी नियति तय करती है। अमिताभ बच्चन से फिल्मों से लेकर आध्यात्मिकता तक, रचनात्मकता से लेकर ट्विटर-वॉयस ब्लॉग तक, लंबी बातचीत की। इसके प्रमुख अंश-  चालीस साल तक लगातार काम, कामयाबी की अभी भी लालसा, गजब का अनुशासन। आखिर क्या है ड्राइविंग फोर्स?कुछ ऐसा खास नहीं है। बस काम करना है। यह लोगों की उदारता है कि वे हमें काम लायक समझते हैं। अच्छे-अच्छे किरदार लाते हैं। सब्जेक्ट लिखे जाते हैं। ईश्वर की कृपा रही है । ईश्वर की कृपा..! क्या नियति तय है? इतनी गहराई से हमने नहीं सोचा कि क्यों मिल रहा है, कैसे मिल रहा है। जितना आता है, उसे पूरी निष्ठा से करते हैं। यदि यह लोगों को पसंद आता है, तो और काम मिल जाता है। कोई एक ऐसी शक्ति है, जो हमारी-आपकी किस्मत तय करती है। यानी आप भाग्य पर भरोसा करते हैं? कोई एक ताकत तो है, जो संसार चला रही है। भले ही उसका नाम ईश्वर हो या गॉड। आपने, हमने कभी यह ताकत देखी
माधोपुर में थानेदार फुल मोहम्मद को ज़िंदा जलाया राजस्थान सरकार और यहाँ की कानून व्यवस्था जिंदाबाद हे यहाँ हत्या के आरोपी पकड़े नहीं जाते हें और भीड़ द्वारा एक थानाधिकारी को जीप सहित ज़िंदा जला कर राख क्र दिया जाता हे लेकिन अधिकारी हैं के अपनी ज़िम्मेदारी ही नहीं लेते .  राजस्थान में सवाईमाधोपुर में पिछले दिनों फरवरी में एक महिला दाखा बाई की निर्मम हत्या कर दी गयी थी इस हत्या का मुकदमा  मान टाउन थाने में दर्ज किया गया स्थानीय लोग अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग करते रहे लेकिन सरकार के अधिकारी इस तरफ से बेखबर रहे दिखावटी कोशिशों में पुलिस नाकाम थी और आज सवाईमाधोपुर में इस मामले में भीड़ एकत्रित हुई एक युवक ने हत्या के आरोपियों को पुलिस द्वारा नहीं पकड़े जाने पर पहले आत्मदाह की चेतावनी दी और फिर उसने आत्मदाह कर डाली बस थोड़ी देर में इस युवक की मोंत से मामला और भडक गया यहाँ भीड़ उत्तेजित हो गयी पुलिस जवान बिना किसी तय्यारी के सीधे भीड़ को नियंत्रित करने जा पहुंचे बस भीड़ ने आव देखा ना ताव और पुलिस कर्मियों की जीप में बेठे मान टाउन थानाधिकारी फुल मोहम्मद को जीप सहित ज़िंदा जला दिया इ