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Showing posts from February 14, 2010

लो क सं घ र्ष !: एक और आतंकी घटना और फिर मुसलमान आतंकी

एक और आतंकी घटना और पिछली घटनाओं की भांति संदेह के घेरे में सर्वप्रथम मुसलमान। नाम मोहसिन चैधरी। मात्र एक घण्टे के अन्दर ए0टी0एस0 मुम्बई ने आतंकी घटना के मोहरे को ढूँढ़ निकाला, जबकि घटना आर0एस0एस0 के गढ़ में हुई, जहाँ मालेगाँव व अन्य विस्फोटों के आरोपी कर्नल पुरोहित ने अभिनव भारत नाम के संगठन का गठन किया था, और जहाँ आचार्य रजनीश का ओशो आश्रम व अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर आतंक के जन्मदाता यहूदी समुदाय का भी प्रार्थना स्थल ‘खबाद’ मौजूद है। अमरीकी खुफिया संगठन सी0आई0ए0 व बाद में आई0एस0आई0 पाकिस्तान से जुड़ा रहा जासूस डेविड कोलीन हेडली का भी इन्हीं स्थानों पर बराबर आना जाना रहा। पूणे के जर्मन बेकरी रेस्टोरेन्ट में शनिवार की शाम लगभग 7.30 बजे एक धमाका हुआ। पहले पुलिस की ओर से यह समाचार आया कि यह बेकरी के किचन में फटे गैस सिलण्डर के कारण हुआ है, परन्तु बाद में वहाँ पहुँची ए0टी0एस0 व बम निरोधक दस्ते ने जानकारी दी कि एक पीठ पर टाँगने वाले बैग में रखी गई विस्फोटक सामग्री ने इस घटना को अंजाम दिया है, और यह एक आतंकी घटना है। इस घटना में प्रारम्भिक तौर पर जो समाचार प्राप्त हुए हैं, उसके मुताबिक लगभग एक द

वेलेंटाइन डे : अनूठी मोहब्‍बत के चंद अफसाने

चंडीदत्त शुक्‍ल। [गोंडा, यूपी में जन्म। दिल्ली में निवास। अखबारों-मैगजीन में चाकरी करने, दूरदर्शन-रेडियो और मंच पर तरह-तरह का काम करने के बाद इन दिनों फोकस टीवी के प्रोग्रामिंग सेक्शन में स्क्रिप्टिंग। दूरदर्शन-नेशनल के साप्ताहिक कार्यक्रम कला परिक्रमा की लंबे अरसे तक स्क्रिप्टिंग की है। अब इनसे chandiduttshukla@gmail.com पर संपर्क कर सकते हैं।) कहते हैं, दिल की लगी क्या जाने ऊंच-नीच, रीत-रिवाज, घर-बिरादरी और लोक-लाज। फिर क्यों भला मोहब्बत के अफसाने सुनते-सुनाते वक्त भी किसी लड़की की निगाह लड़के की जेब पर और लड़कों की निगाह लड़की के फिगर पर अटक जाती है! मोहब्बत करने वाले खफा होंगे, तमतमा जाएंगे, कहेंगे – अंगूर खट्टे हैं मोहतरम के! खुद को लैला नहीं मिली, सो मोहब्बत को बदनाम करने चले हैं। लेकिन जनाब, कम ही सही, सच तो है ये भी। बहुत-सी मोहब्बतें टाइमपास हो गयी हैं। बड़ी गाड़ी, भरी जेब और महंगे गिफ्ट। बड़े से बड़े आशिक दिल का जनाजा निकालने और बेवफाई की दास्तान लिखने के लिए उकसाने को काफी हैं। ऐसी बहुत-सी मोहब्बतें, जो बरिस्ता, मैकडी या पार्कों की बेंचों पर शुरू होती हैं, एक-आध

BPL परिवार के रिकॉर्ड में गलत आंकड़ा

मैं इस बात को स्पष्ट करने की कोशिश की है कि किस प्रकार चुनाव आयोग का मतदाता सूचि व फोटो पहचान पत्र के कार्य में गड़बड़ी होती है और सरकार द्वारा पानी के तरह पैसे खर्च किये जाने के बावजूद भी सही ढंग से कार्य नहीं होता है और गलती में सुधार नहीं होती है। आज मैं सरकार के राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए कराये गए सर्वेक्षण व इसके लिए बनाये जा रहे BPL परिवार के स्मार्ट कार्ड के कार्य को बताने जा रहा हूँ। बिहार में BPL परिवार के लिए जो सर्वेक्षण किया गया है यदि उस सर्वेक्षण के नतीजे को सही मानें तो आप पायेंगे कि : दो-तीन माह के बच्चा या एक-दो वर्ष के बच्चा भी मजदूरी करता है। किसी के पत्नी के लिंग पुरुष भी है तो किसी के पति के लिंग स्त्री भी है। उसी तरह किसी के पुत्र का लिंग स्त्री व पुत्री का लिंग पुरुष भी है। यह भी मिलेगा कि किसी के एक से अधिक पिता हैं। पिता का उम्र कम व पुत्र का उम्र अधिक भी मिलेगा। किसी व्यक्ति के नाम कई परिवार के सूचि में दर्ज है। यह सब बात मैं नहीं कह रहा हूँ बल्कि यह बिहार में हुए सर्वेक्षण का नतीजा है और इसी के आधार पर BPL परिवार का रिकॉर्ड त

दोहा गीत: धरती ने हरियाली ओढी --संजीव 'सलिल'

धरती ने हरियाली ओढी, मनहर किया सिंगार., दिल पर लोटा सांप हो गया सूरज तप्त अंगार... * नेह नर्मदा तीर हुलसकर बतला रहा पलाश. आया है ऋतुराज काटने शीत काल के पाश. गौरा बौराकर बौरा की करती है मनुहार. धरती ने हरियाली ओढी, मनहर किया सिंगार. * निज स्वार्थों के वशीभूत हो छले न मानव काश. रूठे नहीं बसंत, न फागुन छिपता फिरे हताश. ऊसर-बंजर धरा न हो, न दूषित मलय-बयार. धरती ने हरियाली ओढी, मनहर किया सिंगार.... * अपनों-सपनों का त्रिभुवन हम खुद ना सके तराश. प्रकृति का शोषण कर अपना खुद ही करते नाश. जन्म दिवस को बना रहे क्यों 'सलिल' मरण-त्यौहार? धरती ने हरियाली ओढी, मनहर किया सिंगार.... *************** दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम