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Showing posts from June 2, 2014

Short Love story By Sanjay sen sagar

यूँ तो वो भीड़ भाड़ में जाने से बचने लगा था लेकिन जब किसी काम से वो मॉल पहुंचा तो बिलकुल वही हुआ जिसका उसे डर था। उसकी विशाखा उसे आज फिर दिख गयी। माफ़ कीजिये विशाखा तो अब उसकी रही ही नहीं थी वो किसी और की हो चुकी थी।  कितना अजीब था कुछ महीनो पहले ही विशाखा और वो हर रोज इसी मॉल में घूमने आते,मूवी देखते और ज़िंदगी को लेकर नए नए सपने बुनते रहते।सालों से चलता आ रहा यह किस्सा उस दिन थम गया जब विशाखा के पि ताजी की हार्ट अटैक से मौत हो गयी और उसके रिश्तेदारों ने अपनी जिम्मेदारी निभाने के नाम पर कुछ दिनों में ही उसकी शादी कर दी।उसे तो तब तक यकीन नहीं हुआ था जब तक की विशाखा ने उसके हाथों में अपनी शादी का कार्ड थमा नहीं दिया। उसे यकीन था की विशाखा बस उसकी है और वो शादी नहीं करेगी,पर विशाखा के हाँथ में में कुछ था ही नहीं। सबसे बुरा जो हुआ वो यह की विशाखा की शादी इसी शहर में हुई थी। जब अनजाने में वो पहली बार विशाखा से इसी मॉल में टकराया तो जैसे जान ही निकल गयी,विशाखा के हाँथ को उसके पति ने थामा हुआ था। यह देखकर उसे ऐसा अहसास हुआ जैसे किसी ने उसकी रूह को उससे छीन लिया हो। उस रात का दर्द जैसे उसकी जान