महिला सशक्तिकरण की बड़ी-बड़ी बाते की जाती है, दिवस मनाये जाते हैं, अधिकार एवँ आरक्षण हेतु सेमिनार होते हैं, चुनाव होने से पूर्व नेता मंचों पर हुंकार भरते हैं, राजनैतिक दल घोषणा-पत्रों में वादे करते हैं- परन्तु ये सभी बाते फ़र्जी ही लगती हैं। अधिकतर हनन के मामले में समाज में वह जहाँ पर थी वहीं हैं- वह अब भी ज़ुल्म का शिकार बनती है- पैदाइश से पूर्व कोख सें ही इस की शुरूआत होती है। एम0टी0पी0 एक्ट हो या पी0एन0डी0टी एक्ट सभी का उलंघन होता है। दुखद पहलू यह है कि कन्या भ्रूण हत्या में स्वंय उसकी माँ संलिप्त होती है। इससे आगे देखिये ‘आनर किलिंग‘ का वार भी अधिकतर इन्ही को झेलना पड़ता है। धनीवर्ग में अब एक नई बात सामने आई है- शादी से पहले एच0आई0वी0 रिर्पोट कन्या पक्ष से ली जाती है- बात अच्छी ज़रूर है- आगामी जीवन साथी की एड्स ग्रसित होने की जानकारी लेना कोई बुरी बात नहीं है- सभी जानते हैं कि संक्रमित खून से संर्पक तथा किसी ऐसे से असुरक्षित यौनाचार से इस मर्ज़ के लग जाने की संभावना होती है, जो पहले से इस रोग से ग्रसित हो। देखा गया है कि एच0आई0वी0 की रिर्पोट वर पक्ष वाले कन्या पक्ष से मांगते हैं। कह