उत्तर  प्रदेश विधान मण्डल  ने ‘‘उत्तर प्रदेश राज्य विशेष सुरक्षा बल विधेयक 2010’’ को राज्यपाल के  पास मंजूरी हेतु भेजा था। किन्तु उ0प्र0 के राज्यपाल ने उस विधेयक को अभी  तक मंजूरी नहीं दी। जिस पर उ0प्र0 सरकार ने राज्यपाल को अपमानित करते हुए  कैबिनेट सचिव ने सरकार द्वारा राज्य विशेष सुरक्षा बल में भूतपूर्व सैनिकों  की भर्ती की घोषणा कर दी है। जिससे संवैधानिक आराजकता का माहौल पैदा हो  गया है। जब संविधानिक निकाय ही संविधानिक व्यवस्था को नहीं मानेंगे तो उनके  द्वारा निर्मित कानून का पालन कैसे होगा। इस दौर में अक्सर यह देखा जा रहा  है कि मुख्यमंत्री की अपनी इच्छा पर कानून बनाने का कार्य हो रहा है और  राज्यपालों द्वारा संविधानिक व्यवस्था का उल्लंघन कर विधेयक रोकने का भी  चलन प्रारम्भ हो चुका है जबकि होना यह चाहिए कि राज्य व जनता के हित में  अच्छे कानूनों का निर्माण होना चाहिए। राज्य की भलाई में जनता की भलाई  मौजूद होनी चाहिए। किन्तु चाहे शिक्षा का सवाल हो, स्वास्थ्य का सवाल हो,  बिजली का सवाल हो, हर क्षेत्र में सरकार जनता के हितों को दरकिनार कर  मनमानी करने पर तुली है। इस समय उत्तर प्रदेश मे...