प्लीज, अनुराग कश्यप को कठघरे में खड़ा मत करिए ♦ मनोज बाजपेयी पिछले दिनों काफी गहमागहमी रही। यहां का दस्तूर ही कुछ ऐसा है। जब तक आपकी फिल्म हिट न हो आपको व्यस्त नहीं रखा जाता। अभी तक मैं अपने जीवन में मशगूल था। अपने तरीके की छोटी बड़ी फिल्में करता था। लेकिन, कुछ दिनों से एक हिट का मुंह नहीं देखा था। इस कारण लोगों की नजरों में चढ़ा नहीं था। इज्जत थी, प्यार था, लेकिन गहमागहमी से दूर था। लेकिन, राजनीति की सफलता के साथ काफी कुछ बदल गया है। एक फिल्म के सफल होने के साथ ही कई सारे लोगों की आशाओं को पूरा करना पड़ता है। और फिर पारिवारिक जिम्मेदारियां। घर में सिर्फ मैं और मेरी पत्नी। और पूरा करने के लिए घर के बहुत सारे काम। इसी में उलझा रहा और लिखने से दूर भागता रहा। लेकिन, एक दो दिन पहले जब मुझे मोहल्ला लाइव द्वारा आयोजित बहस में अनुराग कश्यप को बुलाने और उनसे हुई बहस के बारे में जानकारी हुई तो मैंने उसे पढ़ा और फिर मुझे लगा कि लिख ही डालूं। मेरी बहुत बड़ी शिकायत है हमारे पत्रकार मित्रों से। बहुतों से मैं लगातार मिलता हूं और कइयों से पहचान है मेरी। अनुराग कश्यप को बुलाकर उनके होने पर ह