सत्यजीत भटकल पेशेवर वकील थे। आमिर खान ने बचपन के अपने इस मित्र को लगान फिल्म की निर्माण टीम में शामिल किया और सत्यजीत की सिनेमा से घनिष्ठता बढ़ती गयी। सत्यजीत ने लगान फिल्म की मेकिंग पर द स्पिरिट ऑफ लगान पुस्तक लिखी, जो बहुत सराही गयी। दर्शील सफारी अभिनीत जोकोमोन सत्यजीत भटकल की निर्देशक के तौर पर पहली कामर्शियल फिल्म है, जिसमें कहानी है चाइल्ड सुपरहीरो की : चवन्नी चैप ♦ ‘जोकोमोन’ फिल्म का बीज कैसे पड़ा? इसका मुख्य किरदार कुणाल नाम का लड़का है, जिसे दर्शील सफारी प्ले कर रहे हैं। कुणाल अनाथ है। वह चाचा के पास रहता है। अपने स्वार्थ के लिए चाचा उसे बड़े शहर ले जाकर छोड़ देते हैं। वह अकेला महसूस करता है। उसकी केयर करने वाला कोई नहीं है। उस परिस्थिति में वह अपनी स्ट्रेंथ को डिस्कवर करता है। किसी भी इंसान की कमजोरी उसकी लाइफ की सबसे बड़ी स्ट्रेंथ बन सकती है। इस विचार से बीज पड़ा कि क्या होगा, अगर वह लड़का अपनी कमजोरी को ताकत बना ले। ♦ क्या हम इसे पूरी तरह से बाल फिल्म कह सकते हैं? जी नहीं। पूरी तरह से भी नहीं और आधी तरह से भी नहीं। मुझे आपत्ति है बाल फिल्म कहने से। कुछ पुराने फिल्ममेकर्