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Showing posts from February 12, 2011
साहित्यकार शम्शेर बहादुर सिंह को कोटा के साहिय्कारों ने याद किया Saturday, February 12, 2011 देश के प्रख्यात साहित्यकार शमशेर बहादुर सिंह को आज यहाँ भारतेंदु समिति कोटा में उनकी स्म्रति में दो दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर याद किया , भारतेंदु समिति भवन में आयोजित इस कार्यक्रम को कोटा की विकल्प साहित्यिक संस्था और राजस्थान हिंदी साहित्य एकेडमी उदयपुर के संयुक्त तत्वाधान में शुरू किया गया । तीसरा खम्भा और अनवरत के संस्थापक ब्लोगर किंग भाई दिनेश राय द्विवेदी भारत होटल से महमानों को कार्यक्रम स्थल पर लेकर पहुंचे और कार्यक्रम की शुरुआत की गयी भाई अम्बिका दत्त जी ने कार्यक्रम का अस्न्चालं शुरू किया महमानों को मंच पर बेठा कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी दीप के स्थान पर मशाल दीप प्रजलित किया गया और कार्यक्रम के शुभारम्भ के पहले भाई शरद तेलंग की मधुर आवाज़ में कोटा के ठाडा राही के गीत को सुना कर माहोल को जमाया गया शरद जी की मधुर आवाज़ ने सच वातावरण खुबसुरत और संगीतमय बना दिया । कार्यक्रम के प्रारम्भ में जनाब महेंद्र नेह ने दर्द भरे अंदाज़ में बताया के इस कार्यक्रम की प्रस्तावना
वक्त करता जो वफा .... .. . Saturday, February 12, 2011 दोस्तों एक गीत हे ;वक्त करता जो वफा तो आप हमारे होते ,, वक्त से हम और आप कोन जाने कब बदले वक्त का मिजाज़ , कहते हें वक्त सिकन्दर होता हे , वक्त हमेशां एक जेसा नहीं रहता , कोन जाने कब किस का वक्त बदल जाये , कहते हें जिसने वक्त की ना की कद्र उसकी वक्त ने नहीं की कद्र इन सब कहावतों के बीच देश वक्त के भंवर में फंसा हे और वक्त का य्हना हर हिन्दुस्तानी मजाक उढ़ा रहा हे । दोस्तों आज कोटा भारतेंदु समिति में एक कार्यक्रम शमशेर जी की स्मरति में १-३० बजे दिन में शुरू होना था मुझे भाई दिनेश जी द्विवेदी ब्लोगर किंग ने कहा आप को भी आना हे में इस कार्यक्रम में वक्त के हिसाब से १-२५ बजे जा पहुंचा घर के कई कामकाज शिड्यूल में थे लेकिन सब स्थगित कर दिए और वक्त से थोडा पहले भरतेंदु समिति पहुंचा वहां केवल अम्बिका दत्त जी थे और माइक वाला माइक लगा रहा था मेने घड़ी देखी इस हाल को देख कर में समझा शायद कार्यक्रम पहले ही हो चुका हे और सब लोग जा चुके हे माइक खोला जा रहा हे लेकिन पूछने पर पता चला के माइक खोला नहीं लगाया जा रहा हे टाइम नि
कोंग्रेस जी अब हामिद अंसारी जी को हटा दो Saturday, February 12, 2011 महामहिम राष्ट्रपति जी ने इंदिरा जी की बुरे वक्त में भी सेवा की थी और उनकी पहुंच किचन तक थी यह सच बोलने पर राजस्थान सरकार ने राजस्थान सरकार के मंत्री अमीन खाना को हटा दिया हे लेकिन अब उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने तो देश में बच्चियों के पैदा होते ही मार देने का कहकर बवाल खड़ा कर दिया हे ऐसे में तो अब उपराष्ट्रप्ति को भी पद से हटाना जरूरी हो गया हे । कल एक कार्यक्रम के दोरान उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी जी की पत्नी श्रीमती सलमा अंसारी से जब पत्रकारों ने देश में महिलाओं की स्थिति और उन पर हो रही ज्यादतियों के बारे में बताते हुए इससे बचने के उपाय पूंछे तो सलमा अंसारी ने साफ़ शब्दों में कहा के अगर इस देश में महिलाओं की ऐसी स्थिति हे तो यहाँ लडकियों के पैदा होते ही उनकी हत्या कर देना चाहिए यह बात देनिक नवज्योति सहित सभी प्रमुख अख़बारों में छपी हे अब उच्च पद पर असीं व्यक्ति की पत्नी अगर देश के हाल पर ओरतों का इस तरह से अपमान कर गेर कानूनी रूप से लडकियों की पैदा होते ही हत्या करने की सलाह दे तो यह देश की सभी

पूर्व खिलाड़ी हो, 2 करोड़ रुपए लो, और विशेषज्ञ बनो

वर्ल्डकप के शुरू होते ही हर चीज़ का बाज़ार तेज होता हुआ नजर आ रहा है ऐसे में मीडिया कहा पीछे रह सकता है उसमे भी होड़ लगी है खुद को सबसे अलग दिखाने की तो देखिये क्या कुछ हथकंडे अपना रहा है मीडिया क्रिकेट के महासंग्राम में खुद की टी आर पी का ग्राफ ऊपर उठाने के लिए......   एक पूर्व भारतीय स्पिनर के सामने वर्ल्डकप के दौरान न्यूज चैनल का विशेषज्ञ बनने के लिए 25 लाख रुपए की पेशकश आई। पेशकश काफी अच्छी कही जा सकती है, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि इस पूर्व खिलाड़ी ने इसे ठुकरा दिया। कारण-उसे दूसरे न्यूज चैनल से इससे भी बेहतर प्रस्ताव मिल चुका था। सूत्रों के अनुसार इन दिनों न्यूज चैनलों में वर्ल्डकप के लिए बेहतरीन विशेषज्ञ पैनल बनाने की जंग छिड़ी हुई है। 45 दिन के वर्ल्डकप के लिए पुराने धुरंधरों को 10 लाख से लेकर दो करोड़ रुपए तक की पेशकश की जा चुकी है। इंडिया टीवी के मैनेजिंग एडिटर विनोद कापरी के अनुसार जैसे-जैसे वर्ल्डकप का बुखार सिर चढ़ता जा रहा है, सभी न्यूज चैनल ऐसी दौड़ में शामिल होते जा रहे हैं। प्रत्येक चैनल चाहता है कि टूर्नामेंट के दौरान उसकी टीआरपी बढ़े और वो प्रतिद्वंद्वी

बोरों और कनस्तरों में बंद अनाज

इस बार जहां कुछ राज्यों में अनाज की पैदावार बहुत अच्छी हुई है। वहीं कई राज्य ऐसे भी हैं, जहां फसल अच्छी नहीं होने से खाद्यान्न की किल्लत की स्थिति पैदा हो गई है। इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि फसल का संरक्षण करने के हमारे तौर-तरीके पुराने और दकियानूसी हैं। हम आज भी लोहे के कनस्तरों टाट के बोरों और गोदामों का ही इस्तेमाल करते हैं। कनस्तरों में जंग लग जाता है और बोरे सड़-गल जाते हैं। नतीजा यह रहता है कि हमारा अनाज चूहों और कीड़ों-मकोड़ों का भोजन बन जाता है। हम वैक्यूम पोली सिस्टम (वीपीएस) जैसी आधुनिक स्टोरेज प्रणाली का उपयोग नहीं करते, जिसकी सहायता से अनाज को पांच से दस साल तक खुले में भी बिना किसी कवर के सुरक्षित रखा जा सकता है। अमेरिका, कनाडा, ब्राजील, चीन सहित यूरोप के लगभग सभी देश अनाज का स्टोरेज करने के लिए इसी प्रणाली का इस्तेमाल करते हैं। मुझे वीपीएस के बारे में अशोक चावला नाम के एक व्यक्ति द्वारा भेजे गए एक विस्तृत प्रस्ताव के माध्यम से पता चला। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कृषि मंत्री शरद पवार को जो पत्र लिखा था, उसकी एक प्रति मुझे भी भिजवाई थी। ............ ताकत की नुमा