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Showing posts from May 17, 2012

नाराजगी एक अर्थहीन और क्षणभंगुर भावना है!

मुंबई डायरी _____________ उमेश पंत ____ सजग चेतना के पत्रकार, सिनेकर्मी। सिनेमा और समाज के खास कोनों पर नजर रहती है। मोहल्‍ला लाइव, नयी सोच और पिक्‍चर हॉल नाम के ब्‍लॉग पर लगातार लिखते हैं। फिलहाल मुंबई में हैं। उनसे mshpant@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है। ♦ उमेश पंत  डोंगरी टु दुबई का बुक लांच था। बेंड्रा की कार्टर रोड में समुद्री किनारे के पास औलिव नाम का वो बार। और उस बार का एक छोटा सा अहाता, जिसकी फर्श पर नदियों के किनारे पाये जाने वाले, पानी से घिसे मुलायम से कंकड़ बिछाये गये थे। जो दिख अच्छे रहे थे, पर उन पर चलने में एक असहजता महसूस हो रही थी। उस अहाते के बीच में एक पेड़ का कंकाल था, जिससे पत्तियां नदारद थीं। उस सूखे नंगे पेड़ को सलेटी रंग से रंग कर उसकी डालियों में कुछ लालटेनें टांक दी गयी थीं। जैसे उस पेड़ से उसकी आत्मा छीन ली गयी हो और उससे कहा गया हो कि तुम अब भी उतने ही अच्छे दिखो, जितने तब दिखते थे, जब तुम हरे-भरे थे। उस अहाते में कुर्सियां बहुत कम थीं और लोग बहुत ज्यादा। इसलिए जो जल्दी आया, वो उन कुर्सियों पर हक जमाकर बैठ गया। किनारे एक 4-5 फीट ऊंची दीवा