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Showing posts from October 4, 2009

लो क सं घ र्ष !: पिया पैंजनियां

अन्नु भरि- भरि गे धानन की बाली मा , पिया पैंजनिया लैदे दीवाली मां । खैहैं मोहनभोग सोने की थाली मां , मोरी लक्ष्मिनियां चमकै दिवाली मां । तुम तो खुरपी - कुदरिनि मां ढ़ूंढ़ौ खुशी, रोजु हमका चिढ़ौती है हमरी सखी, चाव रहिगा न तनिकौ घरवाली मां , पिया पैंजनिया लैदे दीवाली मां । हाय जियरा दुखावौ न मोरी धनी, जड़वाय लियौ मुंदरी मां हीरा कनी, जगमगाय उठौ बखरी मां गाली मां, मोरी लक्ष्मिनियां चमकै दिवाली मां । झूमि-झूमि उठै धरती मगन आसमां, खूब फूलै फलै देश आपन जहाँ, प्रेम के फल लदै डाली-डाली मां । अन्नु भरि- भरि गे धानन की बाली मां, मोरी लक्ष्मिनियां चमकै दिवाली मां। -डॉक्टर सुरेश प्रकाश शुक्ल लखनऊ

दिल की सुनो ..

मै आसमा की बलंदी पर बाराह पहुंचा मगर नसीब जमी पर उतारलेता है अमीरे शहर की मुहब्बत से बच के रहो ये सर से बोझ नही सर उतार लेता है उसी को मिलता है एजाज भी जमाने में बहन के सर से जो चादर उतार लेता है उठा है हाथ तो फिर वार भी जरुरी है की सांप आँखों में मंजर उतार लेता है कुंवर समीर शाही
नरसिम्हा राव से मिली थी ढांचा ढहाने की मंजूरी ..... १७ साल बाद शिवसेना नेता ने किया खुलासा मुलजिम नंबर २१ से के० समीर शाही व स्वतंत्र चेतना समूह के दयाराम अटल की खास बात चीत ६ दिसम्बर १९९२ को अयोध्या के श्री राम जन्म भूमि पर बने तथाकथित बाबरी ढांचा ढाहने की केंद्र सरकार को न सिर्फ पूरी जानकारी थी बल्कि तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वा० पी० वी० नरसिम्हा राव मनसा वाचा शामिल थे !सूत्रों की माने तो ६ दिसम्बर १९९२ को ढांचा ढहाने के दऊरन तत्कालीन परधानमंत्री पर हिन्दू संगठनों से मेल जोल के जो आरोप थे वे पूरी तरह से सच थे !पूर्व परधानमंत्री नरसिम्हा राव को इस मामले की न सिर्फ पहले से जानकारी थी बल्कि इस खास काम के लिए उन्होंने कुछ खास लोगो से इच्छा भी जताई थी !इसका खुलासा किया है सी० वी० आई० द्वारा थाना रामजन्मभूमि में दर्ज मुकदमा संख्या १९७/व १९८ /९२ सरकार बनाम बाला साहब ठाकरे आदि में अभिउक्त नंबर २१ शिवसेना नेता संतोष दुबे ने !हिन्दू शिवसेना के तत्कालीन प्रदेश प्रमुख ने इतने बर्षो तक इस मामले को क्यों छुपये रखा कोर्ट आदि में क्यों नहीं प्रकट किया !इस सवाल पर लिब्रहान आयोग की सीबीआई कोर्ट में हलफन