जिस प्रकार से हमारे देश में बेईमानी ,महगाई,,भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है ॥ सरकार परेशान है ,विरोधी खूब तीर चला रहे है... प्रधान मंत्री जी भी सोच में पद गए है... लेकिन जब ऐसी स्थिति आये जिसमे देश और देश वाशी को कोई कठिनाई झेलना पड़े उस समय अपनी सत्ता के कार्यो का विश्लेषण करना चाहिए और कमियों को दूर कर देना चाहिए चाहे कितना कठोर होना पड़े पर निर्दयी नहीं... हमारी सरकार को इन बातो पर विचार करना चाहिए... अगर आप देल्ली के किसी भी रेहड़ी वाले के पास चले जाइए और पूछिए भाई हमें भी यही कही दूकान लगाना है पुलिस वाले को और कमिटी वाले को किताना देना पडेगा तो वह बताएगा की मै कितना देता हूँ... होटलों ,दुकानों,दफ्तरों में कम उम्र के बच्चे काम करते नज़र आते है... सड़को पर हमारे देश की दस साल की लड़किया भीख मागती मिलाती है... हर एक एरिया में देशी दारू गांजा चरस का मिलना... सरकार sab जानती है लेकिन अपने दायित्व का प्रयोग नहीं कर रही है.... सरकार अपने दायित्व का प्रयोग नहीं कर पा रही है...