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Showing posts from May 21, 2009

कोमल मिल गई!!

अंकित माथुर आदरणीय ब्लागर बन्धुओं आप सभी की सकारात्मक प्रतिक्रियाओं एवं आपकी संवेदनशीलता का मैं हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आप सभी की शुभकामनाओं के फ़लस्वरूप कोमल आज अपने परिवारीजनों के साथ है। अपनी गुमशुदगी के तकरीबन २० दिन के बाद, पुलिस एवं एस टी एफ़ तथा परिवार के प्रयासों से कोमल मिल गई है। आप सभी का हार्दिक धन्यवाद। संजय जी का मैं शुक्रगुज़ार हूं कि उन्होने इस सार्वजनिक सूचना को सर्वोपरि रखते हुए अपने ब्लाग पर प्रमुखता से स्थान दिया। धन्यवाद अंकित माथुर...

चुनिए ड्रीम कैबिनेट

कैबिनेट गठन को लेकर तमाम कयास लगाए जा रहे हैं। हम 6 प्रमुख मंत्रालयों के लिए चार-चार विकल्प यहां दे रहे हैं। अपनी पसंद क्लिक करें। ध्यान रखें कि एक ही व्यक्ति का नाम दुबारा ना आए। ड्रीम कैबिनेट चुनने नीचे क्लीक करें http://polls.indiainfo.com/dreamcabinet/index.php?language=hindi आगे पढ़ें के आगे यहाँ

यहि देश कै भैया का होई ॥ आओ हम....

काल्हे उदघाटन भवा रहै , बहि गवा आज पुल पानी मा । केतनेव जन सरग सिधार गए,बचपन औ भरी जवानी मा ॥ यहि देश कै भैया का होई ॥ आओ हम .... छन्नूमल गरम मसाला मा, घोडी कै लीद मिलाय रहे । इस्पिट्टर कै मुट्ठी गरम करैं ,औ मन ही मन मुस्काय रहे॥ यहि देश कै भैया का होई ॥ आओ हम .... नौकरी के खातिर बेटवो अब , बप्पा कै गटई काटि लेई। गहना पैसा हथियाय बहू,सासू कै टेटुवा दाबि देई । यहि देश कै भैया का होई ॥ आओ हम .... लखनऊ मा पढ़ती मिसरा जी की , नातिन बिरिज किसोरी है। अम्मा पूछैं बिटयौनी से, ई छोरा है कि छोरी है॥ यहि देश कै भैया का होई ॥ आओ हम .... मोहम्मद जमील शास्त्री

प्यार की तोड़नी जंजीर बहुत मुश्किल है...

हर ख्वाब की ताबीर बहुत मुश्किल है । तामीर - ऐ - गजल मीर बहुत मुश्किल है । रूखे - रौशन की वो रौनक बस सल्ले अला - काम आए कोई तदवीर बहुत मुश्किल है ॥ ख़त जलाकर मेरी यादों को मिटाने वाले - न बने दिल में भी तस्वीर बहुत मुश्किल है ॥ हम खयालो में न हो मुमकिन ही नही - प्यार की तोड़नी जंजीर बहुत मुश्किल है ॥ मैं मुसब्बिर हूँ तेरी शक्ल बना लेता हूँ - गर्मी - ऐ - साँस की तासीर बहुत मुश्किल है ॥ मैं बहुत बार तेरे दर पे पहुँचता लेकिन - बिन बुलाये मिले तौकीर बहुत मुश्किल है ॥ डॉक्टर यशवीर सिंह चंदेल '' राही ''

क्या यह सही है.....???!!!

इसलाम बेशक सबसे अच्छा धर्म है  और मुसलमान एक अच्छे अमनपसंद लोग हैं लेकिन असल बात यह है कि आज मिडिया की नकेल पश्चिम वालों के हाथों में है, जो इसलाम से भयभीत है| मिडिया बराबर इसलाम  और मुसलमान के विरुद्ध बातें प्रकाशित और प्रचारित करता है| वह या तो इसलाम  और मुसलमान के विरुद्ध ग़लत सूचनाएं उपलब्ध करता/कराता है और इसलाम से सम्बंधित ग़लत सलत उद्वरण देता है या फिर किसी बात को जो मौजूद हो ग़लत दिशा देता है या उछलता है| अगर कहीं बम फटने की कोई घटना होती है तो बगैर किसी प्रमाण के मुसलमान को दोषी मान लिया जाता है और उसे इसलाम से जोड़ दिया जाता है|  समाचार पत्रों में बड़ी बड़ी सुर्खियों में उसे प्रकाशित किया जाता है | फिर आगे चल कर पता चलता है कि इस घटना के पीछे किसी मुसलमान के बजाये किसी गैर मुस्लिम का हाथ था तो इस खबर को पहले वाला महत्व नहीं दिया जाता और छोटी सी खबर दे दी जाती है | इसी तरह की एक ख़बर मैंने अमर उजाला अख़बार में पढ़ी जो मेरे ही शहर लखनऊ की है. ख़बर थी बड़े मंगल वाले दिन की. लखनऊ यूनिवर्सिटी के सामने लगभग सड़क पर ही एक हनुमान मंदिर और उसकी देखा-देखी आस-पास कई और भी मंदिर बन ग

हिंदुस्तान का दर्द: आचार्य संजीव 'संजीव'सलिल

हिंदुस्तान का दर्द सिर्फ़ यही है कि दूसरों को सुधारनेवाले अनेक हैं, पर ख़ुद को सुधारनेवाला कोई नहीं है॥ **************

हमारा हिन्दुस्तान" बहुत जल्द नए रूप मे....!!!

प्रि ये दोस्तों और पाठको, मैं "हमारा हिन्दुस्तान" के नए रूप पर काम कर रहा हूँ.....जो लगभग पूरा होने वाला है तो बहुत जल्द "हमारा हिन्दुस्तान" को आप एक नए रूप मे देखेगे...इसलिए अगर आप उसके रूप मे बार - बार बदलाव देखें तो चौंकियेगा नही क्यूंकि उसके रूप पर काम चल रहा है । आगे पढ़े .....