ऑस्ट्रेलिया में नस्लवाद युवा वेश तो विदेशी आचार - विचार स्टाइल फैशन का क्रेजी होता ही है , हमारे बुजुर्ग जो कभी अंग्रेजी माहौल में पले बढ़े थे अब भी उसी पाश्चात्य संस्कृति के दीवाने नजर आते है , लेकिन हम आखिर कब तक उस खोखली संस्कृति के गुन गाते रहेंगे , हमारे कुछ युवक बड़े अरमान से आस्ट्रेलिया गये थे , शिक्षित होने के लिए तथा अमीर बनने के लिये परन्तु दुखद है कि उन्हे गरीब बनने की घुट्टी पिलाई जा रही है। भारतीय छात्रों पर वहां जो नस्ली हमले काफी समय से हो रहे है , उसमें लगता है कि वहाँ की सरकार , अधिकारी तथा वहाँ की जनता का एक वर्ग पूरे तौर पर शामिल है , अजब हास्यास्पद है यह समाचार कि विक्टोरिया प्रान्त के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी साइमन आवेरलैंड ने छात्रों को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी से बचते हुए यह सलाह दे डाली दी उनको हमलों से बचने के लिये अत्यधिक गरीब दिखना चाहिये , इस से ज्यादा आश्चर्यजनक यह बात है कि विक्टोरिया के प्रीमियर जान ब्रम्ब