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Showing posts from May 17, 2010

'हिन्दुस्तान का दर्द'

''हिन्दुस्तान का दर्द''में कुछ तकनीकी खराबी के चलते कुछ बदलाब किये जा रहे है तथा कुछ दिनों से हो रही परेशानी के लिए हमें खेद है,इन नए परिवर्तनों के बारे में आप क्या सोचते है अपनी राय से अवगत कराएँ     आगे पढ़ें के आगे यहाँ

रतन टाटा की दलाली और दादागीरी

अ लोक तोमर  हिन्दी पत्रकारिता में कालाहांडी के भूख की रिपोर्टिंग से चर्चा में आये आलोक तोमर आरोपों से घिरे रहनेवाले पत्रकार हैं. फिर भी सक्रियता में कोई कमी नहीं. लेखन के अलावा टीवी पत्रकारिता में सशक्त हस्ताक्षर के रूप में स्थापित. डेटनालाइन इंडिया और शब्दार्थ के संपादक 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में रतन टाटा ने नीरा राडिया के जरिए दयानिधि मारन की बजाय ए राजा को संचार मंत्री बनवाने का उपाय किया था. नीरा राडिया और रतन टाटा के बीच 2009 की बातचीत के जो और टेप निकल कर आए हैं उनका एक हिस्सा हम आपके सामने ला रहे हैं. इसमें साफ होता है कि कैसे रतन टाटा किसी भी कीमत पर दयानिधि मारन को संचार मंत्री बनने से रोक रहे थे. रतन टाटा- यह दयानिधि बहुत गड़बड़ कर रहा है। ए राजा को तो मैनेज किया जा सकता हैं। नीरा रा़डिया-  पता है और दयानिधि का फोन मेरे पास भी आया था। वो गुलाम नबी और अहमद पटेल से लगातार मिल रहा है। करुणानिधि से भी मनमोहन सिंह को फोन करवाया है। रतन टाटा-  इसका क्या करना है? मुझे तो यह आदमी खतरनाक लगता है और ये हमे दूसरों के बराबर खड़ा नहीं होने देगा। राजा ने बीएसएनएल वाले मामले में है

शिक्षा मंत्रालय व स्कालरशिप देने वाली संस्थाओ को इस पर विचार कर ऐसा निर्णय लेना चाहिये जिससे योग्यता को सतत समुचित प्रोत्साहन मिले ...

शिक्षा मंत्रालय व स्कालरशिप देने वाली संस्थाओ को इस पर विचार कर ऐसा निर्णय लेना चाहिये जिससे योग्यता को सतत समुचित प्रोत्साहन मिले ...एक स्कालरशिप ही मिलेगी ???..कितना उचित ? पढ़ाई में मेहनत करके अपनी श्रेष्ठता साबित करने पर छात्रो को स्कालरशिपमिलती है ..वैसे ही आवश्यकता से बहुत कम हैं स्कालरशिप .. पर विवादास्पद विषय है यह प्रतिबंध कि कोई एक स्कालरशिप ही ली जा सकती है ..जब एक ही उपलब्धि के लिये खिलाड़ियो को अलग अलग संस्थाओ से जैसे किसी एक जीत पर केंद्र सरकार से अलग राज्य सरकार से अलग , तथा अन्य अनेक संस्थाओ से अलग ढ़ेर से आर्थिक लाभ मिलते हैं , कलाकारो को एक ही उपलब्धि पर इसी तरह अनेक आर्थिक लाभ दिये जाते हैं ... किन्तु दुखद है कि शैक्षणिक योग्यता हेतु जो नाम मात्र की स्कालरशिप मिलती है वह एक बार में केवल एक ही ली जा सकती है .. उदाहरण के लिये यदि आपको N T S E स्कालरशिप मिल रही है , और आप किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना जैसी कठिन परीक्षा पास कर स्कालरशिप की पात्रता हासिल लें , तो आपको N T S E स्कालरशिप बंद करनी होगी तभी किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना की फैलोशिप मिलती है .यह

लो क सं घ र्ष !: संरक्षण वृक्षों जीवों और वन्यजीवों का या इंसानों का भी

कुछ भागों में वृक्षों के संरक्षण का कानून लागू है। वृक्षों की सुरक्षा आवश्यक है पर्यावरण को संतुलित बनाये रखने के लिए और वन्यजीवों की सुरक्षा भी आवश्यक है। लुप्तप्राय जीवों की सुरक्षा के लिए पशुओं के प्रति क्रूरता को रोकना भी आवश्यक है, पशुओं से काम लेने के लिए। हमारे देश की एक पूर्व केन्द्रीय मंत्री को बराबर पशुओं के प्रति क्रूरता रोकने में लगी हुई हैं और इस कार्य के लिए उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर रखा है लेकिन शासन तंत्र का कोई भी व्यक्ति चाहे वह पूर्व हो या वर्तमान इंसानों के प्रति सुरक्षा के लिए नहीं सोचता। अस्तित्व की लड़ाई केवल वन्यजीवों या जलजीवी प्राणियों में ही नहीं बल्कि पक्षियों में भी पाई जाती है। इंसान ही ऐसा प्राणी है जिसमें बुद्धि, विवेक और करूणा का भाव पाया जाता है लेकिन अधिसंख्यक इंसानों ने भी अपने अंदर का यह भाव खो दिया है और पशुवत हो चले हैं। अपने को सभ्य कहने वाला इंसानों का समाज अपने कमजोरों को असभ्य कहता है और इंसानियत से गिरकर ऐसे कमजोरों के लिए उनका स्थान पैरों में रखता है। उन्हें ऊपर उठने और तरक्की करने से रोक