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Showing posts from October 24, 2009

लो क सं घ र्ष !: दोस्त-दोस्त न रहा

साम्राज्यवादी लूट व शोषण करने में अमेरिका और इजराइल की जोड़ी प्रसिद्ध है और इन दोनों देशों की खुफिया एजेन्सी सी आई ए और मोसाद विकास शील देशों के ख़िलाफ़ एकजुट होकर काम करती रहती है लेकिन समय आने पर वे एक दूसरे के विरूद्व जाकर अपना अधिपत्य कायम करना चाहती है । अभी कुछ दिन पूर्व अमेरिकी वैज्ञानिक को गिरफ्तार किया गया है जिसके ऊपर आरोप है की उसने इजराइल को ताजा खुफिया जानकारियाँ दी है । अमेरिकी वैज्ञानिक स्टीवर्ट डेविड नोजेट को एक स्टिंग ऑपरेशन में एफ . बी . आई एजेंट ने पकड़ा है । इजराइल हमेशा से अपने हितों की पूर्ति के लिए अमेरिका के ऊपर तमाम तरह के प्रयोग करता रहता है । इससे पूर्व ग्यारह सितम्बर की घटना वर्ल्ड ट्रेड सेंटर में एक भी इजराइली कर्मचारी नही मारा गया था क्योंकि उस दिन सभी हजारो इजराइली करमचारियों ने एक साथ छुट्टी ले रखी थी और अमेरिकन साम्राज्यवाद ने उस दिशा में घटना की जांच करने की हिम्मत भी नही की और एशियाई मुल्कों के ऊपर

लो क सं घ र्ष !: ऊदा देवी :- 2

शहीद वीरांगना ऊदा देवी अवध के छठे बादशाह नवाब वाजिद अली शाह के महिला दस्ते की सदस्य थीं। वाजिद अली शाह ने, जो दौरे वली अहदी में परीख़ाना की स्थापना के कारण लगातार विवाद का कारण बने रहे तथा 1847 की फरवरी में बादशाह बनने के बाद अपनी जुनून की हद तक पहुँची संगीत प्रियता के कारण बार-बार ब्रिटिश रेजीडेंट द्वारा चेताये जाते रहे, बड़ी मात्रा में सैनिकों की भर्ती की जिसमें लखनऊ के सभी वर्गों के ग़रीबजनों को रोज़गार पाने का अच्छा अवसर मिला। ऊदादेवी के पति जो स्वयं भी काफी साहसी व पराक्रमी थे, वाजिद अली शाह की सेना में भर्ती हुए। वाजिद अली शाह ने इमारतों, बाग़ों, संगीत, नृत्य व अन्य कला माध्यमों की तरह अपनी सेना को भी बहुरंगी विविधता तथा आकर्षक वैभव दिया। उन्होंने अपनी पलटनों को तिरछा रिसाला, गुलाबी, दाऊदी, अब्बासी, जाफरी जैसे फूलों के नाम दिये और फूलों के रंग के अनुरूप ही उस पल्टन की वर्दी का रंग निर्धारित किया। परी से महल बनी चहेती बेगम सिकन्दर महल को ख़ातून दस्ते का रिसालदार बनाया गया। जिससे स्पष्ट होता है कि वाजिद अली शाह ने अपनी कुछ बेगमों को सैनिक तरबियत दिलायी थी। यों उन्होंने बली अहदी के दौर

आतंक का साया..

मुद्दत के बाद मुल्क में॥ फ़िर से बहार आयी॥ अद्भुत नजारा देख कर॥ पगली भी मुस्कुराई॥ खौफ बसा यहाँ था॥ खूखार लोग आते थे॥ हया दया न करते॥ आतंक बहुत फैलाते थे॥ चादर के अन्दर लोग यहाँ॥ तेरे थे जमुहाई॥ कुत्ते भी मूक बन कर॥ कोने में रोते थे॥ बच्चे बिचारे सहम कर॥ छुप करके के सोते थे॥ उनके दिलो में हमने॥ देखा केवल ठिठाई॥

भिखारी के दशा..

पापी बना है पेट जो॥ दर-दर भटक रहा हूँ॥ छोटी से लेके झोली॥ घर-घर टहल रहा हूँ। बच्चे है छोटे -छोटे॥ घर में गरीबी चाई॥ लगता है मेरे घर में॥ मौसमी बिमारी आयी॥ जिंदगी में जान कम है॥ फ़िर भी उछल रहा हूँ॥ छोटी से लेके झोली॥ घर-घर टहल रहा हूँ। रोते बिलखते बच्चे तो॥ आँखे टपक जाती॥ पत्नी की नाजुक हालत॥ रह-रह के हमें रूलाती॥ जिंदगी के ले सवारी॥ सड़को में मटक रहा हूँ॥ छोटी से लेके झोली॥ घर-घर टहल रहा हूँ।

रूप वती

चितवन तेरी मार गयी॥ कंगाल बना गयी अरब पति को॥ सागर जैसी ममता को छोडा॥ ढूढ़ रहा हूँ नैन वती को॥ कोई कमी नही थी हमको॥ जो मांगू सो आता था॥ ऐसा तीर चलायी मुझपर॥ जो टाक tआक रहा हूँ॥ प्यार कली को॥ चेहरा बिल्कुल पीला पड़ गया॥ तन में बिल्कुल नही है जान॥ दिल तो बिल्कुल टूट गया है॥ लगता पागल केवल अनजान॥ इधर उधर मई ताक़ रहा hoo। हेर रहा हूँ रूप वती को॥

दोहों की दुनिया संजीव 'सलिल'

दोहों की दुनिया संजीव 'सलिल' देह नेह का गेह हो, तब हो आत्मानंद. स्व अर्पित कर सर्व-हित, पा ले परमानंद.. मन से मन जोड़ा नहीं, तन से तन को जोड़. बना लिया रिश्ता 'सलिल', पल में बैठे तोड़.. अनुबंधों को कह रहा, नाहक जग सम्बन्ध. नेह-प्रेम की यदि नहीं, इनमें व्यापी गंध.. निज-हित हेतु दिखा रहे, जो जन झूठा प्यार. हित न साधा तो कर रहे, वे पल में तकरार.. अपनापन सपना हुआ, नपना मतलब-स्वार्थ. जपना माला प्यार की, जप ना- कर परमार्थ.. भला-बुरा कब कहाँ क्या, कौन सका पहचान? जब जैसा जो घट रहा, वह हरि-इच्छा जान. बहता पानी निर्मला, ठहरा तो हो गंद. चेतन चेत न क्यों रहा?, 'सलिल' हुआ मति-मंद.. ********************

जवानी के आग..

सुबह -सुबह बगिया मा॥ चुगत रहली फूल॥ हंस के माली बोल पडा॥ हमारा का कसूर॥ जब जवानी के पल्लू॥ पे दाग लाग जायी। अधरा से तोहरे ॥ गिरेला ला मिठाई॥ सोयी जवानी के॥ आस जाग जायी॥ जियरा मा काहे ॥ जगौलू सुरूर॥ लागल जवानी मा ॥ आग लाग जायी..