भारतीय संस्कार , गरिमा , नैतिक मूल्यों की बात करते हैं उच्च पदस्थ लोग इन सारे चीजों से वंचित होकर पदीय दायित्व का निर्वाहन करते हैं . व्यवहार में अगर ऊपर लिखे गए शब्दों का बोध जरा सा भी इन लोगों में आ जाए तो बहुत सारी समस्याएं जो इनके द्वारा प्रतिदिन पैदा की जाती हैं वह समाप्त हो जाएँ । यह समस्याओं का समाधान नहीं खोजते हैं अपितु खोज के नाम पर एक बड़ी समस्या खड़ी कर देते हैं । विधि का निर्माण करने वाली संस्थाएं लगभग तीन दशकों से इन्ही उच्च पदस्थ लोगों द्वारा निर्धारित प्रारूप पर लिखी गई बात को कानून बना दिया है जिसके कारण व्यवहार में आए दिन दिक्कतें या समस्याएं पैदा होती रहती हैं देश के अन्दर ऐसे कानूनों का निर्माण इनके कुशल दिशा - निर्देशन में हो चुका है कि उसके ऊपर एक छोटी सी कहानी लिखना ही उचित होगा वह कहानी यह है कि जंगल के राजा ने आदेश किया कि सभी शैतान बंदरों को पकड़ लो । इस उद्घोषणा के बाद जंगल के ऊंट भी भागने लगे एक न