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Showing posts from April 23, 2010

लो क सं घ र्ष !: ब्लॉग उत्सव 2010

सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं, सादर प्रणाम, ब्लोगोत्सव-२०१० : यह सच है कि बार-बार हार-हार मैं गया ! हिन्दी ब्लोगिंग का भविष्य उज्ज्वल दिखाई दे रहा है : जी० के० अवधिया ब्लोगोत्सव-२०१०: ब्लॉगिंग को परिवर्तन के हथियार के रूप में ढालने की ज़रूरत है ब्लॉगिंग को परिवर्तन के हथियार के रूप में ढालने की ज़रूरत है .... प्रमोद ताम्बट स्मृतियों की किताब के पन्ने पलटते हुए मशहूर शायरा अमृता प्रीतम जी के विचारों से आपको रूबरू करा रही हैं रश्मि प्रभा समकालीन हिंदी काव्य की दिशा-दशा पर......अपनी बात अपनी बात : समकालीन हिंदी काव्य की दिशा - दशा पर ब्लोगोत्सव-२०१० : आज उपस्थित है अपनी कविताओं के साथ संगीता सेठी, संगीता स्वरुप और कुलवंत हैप्पी संगीता सेठी की कविता संगीता स्वरुप की एक कविता कुलवंत हैप्पी की दो कविताएँ ब्लोगोत्सव-२०१० : आज सुनिए अदा जी के स्वर में उनकी एक प्यारी सी कविता मैं हिंदी हूँ ! ब्लोगोत्सव-२०१०: आज इरफ़ान का कार्टून और श्रेष्ठ पोस्ट utsav.parikalpna

लो क सं घ र्ष !: साइबर का सबसे बड़ा घोटाला

भारतीय रेल के कर्मचारियों व आई . आर . सी ( टिकट जारी करने वाली एजेंसी ) ने मिलकर भारतीय साइबर अपराध में कीर्तिमान स्थापित किया है । भारतीय रेल के कर्मचारी ट्रेन को कुछ समय के लिए कंप्यूटर नेटवर्क पर गलत तरीके से ट्रेन को रद्द होना दिखा देते थे । ट्रेन रद्द होने से स्वतः टिकट बुक करने वाली एजेंसी के अकाउंट में बुक कराये गए टिकटों का रुपया वापस चला जाता था और वास्तव में ट्रेन रद्द नहीं होती थी जारी टिकट के यात्री उसी टिकट पर यात्रा भी करते थे । सूत्रों के अनुसार एक वर्ष में 310 ट्रेनों को कई कई दिन कुछ समय के लिए रद्द दिखाया गया है । रद्द दिखाते ही जारी ई - टिकट का रुपया घपलेबाज एजेंसियों के पास चला जाता था । ई - टिकट का रुपया अकाउंट में वापस होते ही ट्रेन को चलता हुआ दिखाया जाता था जिससे यात्री अपना सफ़र कर सके इस तरह से अरबों रुपयों का घोटाला किया जा चुका है । रेलवे में हर साल कई सौ करोड़ रुपयों का