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Showing posts from April 19, 2010

लो क सं घ र्ष !: कानून के रक्षक ही भक्षक बन गए हैं

उत्तर प्रदेश में कानून के रक्षक पुलिस विभाग के लोग आये दिन थानों में बने यातना गृहों में लोगों को इतनी यातनाएं देते हैं कि मौत हो जाती है। कल सीतापुर व एटा जनपद में पुलिस हिरासत में दो व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। थानों का प्रभारी अधिकारी उपनिरीक्षक होता है और कोतवाली का इंचार्ज निरीक्षक होता है। इन थानों की व्यवस्था देखने के लिए पुलिस उपाधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक और अंत में पुलिस महानिदेशक होता है। इन थानों को उप जिला मजिस्टेट जिला मजिस्टेट कमिश्नर, डिप्टी सचिव गृह, संयुक्त सचिव गृह व प्रमुख सचिव गृह होता है। सरकार स्तर पर गृहमंत्री व मुख्यमंत्री होते हैं। इतनी लम्बी चौड़ी कतार निरीक्षण करती रहती है जिसका खर्चा अरबों रुपये होता है और इसके बाद भी पुलिस हिरासत में मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। पुलिस की स्तिथि संगठित अपराधी गिरोहों जैसी हो गयी है। आम आदमी थाने जाने में कतराता है वहीँ अपराधियों की सैरगाह थाना होता है। थानों के परंपरागत अपराध से स्थायी मद से आये होती है जिसका बंटवारा ऊपर से नीचे तक होता है

लो क सं घ र्ष !: ब्लॉग उत्सव 2010

सम्मानीय चिट्ठाकार बन्धुओं, सादर प्रणाम, आज दिनांक १९.०४.२०१० को ब्लोगोत्सव-२०१० के अंतर्गत प्रकाशित पोस्ट का लिंक ब्लोगोत्सव - २०१० : मिले सुर मेरा तुम्हारा http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_18.html ब्लोगोत्सव - २०१० तीसरे दिन के कार्यक्रम में आपका स्वागत है http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_6687.html ब्लोगोत्सव - २०१० : मैंने देखा है बीसवीं सदी का पूर्वार्द्ध http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_5630.html ब्लोगोत्सव - २०१० : आईये अब ज़रा काव्य की ओर मुड़ते हैं http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_19.html कविता में छिपे दर्द को महसूस करने के लिए आईये चलते हैं .... http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_4681.html ब्लोगोत्सव - २०१० : आईये अब काव्य पाठ का आनंद लेते हैं http://www.parikalpnaa.com/ 2010/04/blog-post_6274.html श्रेष्ठ पोस्ट श्रृंखला के अंतर्गत आज श्री रवि रतलामी का आलेख http://www.parikalpnaa.com