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Showing posts from December 27, 2010
मेरा पढने में नहीं लागे दिल मेरा पढने में नहीं लागे अब दिल , मेरे लियें अब पढाई हुई मुश्किल , क्यूंकि पहले तो मुन्नी बदनाम हुई थी और अब खुद ही देख लो शीला जवान हो गयी हे । इसलियें छोड़ों किताबें उठो मेरे साथ और कहो एक साथ मेरा पढने में नहीं लागे दिल । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कृष्ण के वंशज ...गुर्ज़रों को आन्दोलन की आवश्यकता है क्या...डा श्याम गुप्त --

आखिर गुर्जर आन्दोलन का लक्ष्य क्या है ? -- 5% सरकारी नौकरियां --आखिर क्यों ? यदि कृष्ण चाहते तो कंस की नौकरी करके मज़े से रहते पर उन्होंने मटकी फोड़ने का मार्ग चुना ... . गोकुल - बृज धाम की अपनी स्वतंत्र अर्थव्यवस्था का , अपनी स्वायत्तता का मार्ग , कर्म का मार्ग... । क्यों देश - दुनिया को दुग्ध प्रदान करने वाला समाज , एक स्वतंत्र अर्थ व्यवस्था वाला समाज अपने बच्चों को नाकारा , बाबू गीरी अभ्यस्त , आलसी , पराबलंबी बनाना चाहता है , नौकरी का चस्का लगाकर । वे क्यों नहीं उन्हें अपना स्वतंत्र व्यवसाय करने का परामर्श देते। विभिन्न बैंकों , समाजसेवी संस्थाओं , एन आर आई की सहायता से वे अपना स्वतंत्र दुग्ध , दुग्ध -खाद्य पदार्थों का स्वतंत्र व्यवसाय कर सकते हैं। स्व के साथ देश, समाज की भी सेवा...कृष्ण की भांति.... आरक्षण की वैशाखी वाले समाज आज कहाँ हैं , उनकी क्या दशा है सभी जानते हैं । उनके बच्चे स्कूल , संस्थान सभी जगह अन्य इतर अनारक्षित के शब्द वाणों -- अयोग्य ,अपात्र, सरकारी दामाद, पहुँच वाले,--आदि का दंश किस तरह

महंगाई का असल परिचय

महंगाई - महंगाई और सिर्फ महंगाई  जहां देखो बस इसी का शोर सुनाई  दे रहा है ! मिडिया , अखबार  दूरदर्शन सब इसी का गुणगान  कर रहे हैं ! क्या सचमुच इतने परेशां हैं हम इस बढती हुई महंगाई से या फिर ये सिर्फ किसी एक मुद्दे  को लेकर उसमे बहस करने भर की ही बात तो नहीं हो रही  है ! अब देखो न एसी कोंन सी चीज़ हमारी राह मै बाधा डाल  रही है जिससे हमे इस बढती हुई महंगाई का आभास  हो रहा है ! क्या सब्जियों के बड़ते दाम ? क्या दाल की बढती कीमते ? अगर ये सब हमे महंगाई का पता दे रही है तो ये सब सिर्फ एक मुद्दा है और कुच्छ नहीं ! क्युकी इन सब के बावजूद हमारे घर के बच्चे बड़े - बड़े स्कूलों   मै बड़ी - बड़ी रकम दे कर शिक्षा ग्रहण कर ही तो रहें हैं और जब स्कूल मै भी वो पढाई   ठीक  से नहीं कर पाते तो हम एक और मोटी रकम देकर उन्हें स्कूल से बाहर किसी  और अध्यापक के पास [ tution ] दे कर भी पढने भेजते ही  हैं ! जब की यही लाड प्यार उन्हें उनकी राह मै आगे बड़ने से रोक रहा है वो अपने पर विश्वास कम और दुसरे की बात पर ज्यादा विश्वास करने लगे हैं ! हम उन्हें वो सारी सुविधा जेसे बड़ी - बड़ी गाड़ी , महंगे - महंगे मोबाइल
बडबोली सरकार ट्रेक से बेरंग लोटी जी हाँ दोस्तों राजस्थान सरकार जो गुर्जर आरक्षण के मामले में ट्रेक पर जमे गुर्जर नेताओं को ललकार रहे थे के ट्रेक पर गुर्जर चाहे दते रहे सरकार ट्रेक पर नहीं जाएगी वार्ता ट्रेक पर नहीं टेबल पर होगी सरकार ने यह भी ललकार दी की नियुक्तिया किसी भी कीमत पर नहीं रुकेंगे सरकार की इस गीदड़ भभकी से गुर्जर डरे तो नहीं बलके एक जुट हो गये जब सरकार ने पासा पलटते देखा तो मुख्यमंत्री जी तो उद्घाटन भाषण में केकड़ी,भीलवाडा,जोधपुर,उदयपुर घूमते रहे लेकिन तीन मंत्रियों की एक कमेटी और फिर तीन अधिकारीयों की एक कमेटी बना दी नियुक्तियों के मामले में संशोधित बयान जारी किया खुद कोंग्रेस सरकार के मंत्री जितेन्द्र सिंह बसला को मनाने रेलवे ट्रेक पर जा बेठे तो जनाब सरकार ने जो कहा उससे अलग हठ कर खुद का थूका निगल लिया ,सरकार तो अपनी बात से बदल गयी लेकिन गुर्जर आज भी अपनी बात पर कायम हें के आरक्षण मामले में कोई ठोस वायदे के पहले ट्रेक से नहीं हटेंगे। इधर सरकार हे के इस आन्दोलन का ठीकरा खुद की नाकामी को छुपा कर भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया और राष्ट्रिय भाजपा अध्यक्ष ग
सी बी आई जज को बंधक बनाया सी बी आई ने एक आपराधिक प्रकरण में लो कोलेज को मान्यता देने के नामा पर एक बार कोंसिल ऑफ़ इण्डिया के सदस्य राजेन्द्र सिंह राणा को गिरफ्तार किया और कल उन्हें जब दिल्ली की पटियाला सी बी आई कोर्ट में पेश किया तो मामले की गम्भीरता को देखते हुए जज साहब ने रानावत साहब की जमानत की अर्जी खारिज कर दी बस फिर किया था वहन अदालत में वकीलों ने हंगामा खड़ा कर दिया । सुनते हें के सभी वकीलों ने सी बी आई की उपस्थिति में पटियाला सी बी आई जज साहब को अघोषित बंधक बना डाला और सी बी आई के लोगों के साथ धक्का मुक्की भी की , मामला चाहे जो भी रहा अहो कानून के जानकारों और खास कर कानून के जानकारों के नेता की गिरफ्तारी के बाद वकीलों का यह उठाया गया गेर कानूनी अलोकतांत्रिक कदम एक अपराध हे और देश के लोकतंत्र के लियें यह व्यवस्था ठीक नहीं हे ताज्जुब तो यह हे के जब इस मामले एन कोई जांच चल रही थी तो फिर इन राणा साहब ने अग्रिम जमानत क्यूँ नहीं करवाई खेर देखते हे अब सी बी आई और न्याय विभाग मिल कर वकीलों के खिलाफ क्या कार्यवाही करते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
सी बी आई जज को बंधक बनाया सी बी आई ने एक आपराधिक प्रकरण में लो कोलेज को मान्यता देने के नामा पर एक बार कोंसिल ऑफ़ इण्डिया के सदस्य राजेन्द्र सिंह राणा को गिरफ्तार किया और कल उन्हें जब दिल्ली की पटियाला सी बी आई कोर्ट में पेश किया तो मामले की गम्भीरता को देखते हुए जज साहब ने रानावत साहब की जमानत की अर्जी खारिज कर दी बस फिर किया था वहन अदालत में वकीलों ने हंगामा खड़ा कर दिया । सुनते हें के सभी वकीलों ने सी बी आई की उपस्थिति में पटियाला सी बी आई जज साहब को अघोषित बंधक बना डाला और सी बी आई के लोगों के साथ धक्का मुक्की भी की , मामला चाहे जो भी रहा अहो कानून के जानकारों और खास कर कानून के जानकारों के नेता की गिरफ्तारी के बाद वकीलों का यह उठाया गया गेर कानूनी अलोकतांत्रिक कदम एक अपराध हे और देश के लोकतंत्र के लियें यह व्यवस्था ठीक नहीं हे ताज्जुब तो यह हे के जब इस मामले एन कोई जांच चल रही थी तो फिर इन राणा साहब ने अग्रिम जमानत क्यूँ नहीं करवाई खेर देखते हे अब सी बी आई और न्याय विभाग मिल कर वकीलों के खिलाफ क्या कार्यवाही करते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
कोंग्रेस के १२५ साल पुरे होने पर कार्यवाही देश की सबसे बड़ी राजनितिक पार्टी कोग्रेस यानि इंडियन नेशनल कोंग्रेस यानी गाँधी और नेहरु परिवार की लिमिटेड कम्पनी कोंग्रेस के १२५ साल पुरे हो गये हें और २८ तारीख यानी कल इस मामले को लेकर कोंग्रेस जिले से लेकर देशभर में कई कार्यक्रम आयोजित करेंगी । भारत में गुलामी से आज़ादी के मामले में ऐ ओ ह्युम ने कोंग्रेस का गठन किया था यानि कोंग्रेस का गठन किसी भारतीय ने नहीं विदेशी ने किया था और कोंग्रेस पर प्रारम्भ से ही इसाइयत का साया रहा हे कोंग्रेस बढती गयी गाँधी और नेहरु इस पार्टी से जुड़ते गये और फिर यह कोंग्रेस केवल और केवल गांधी और नेहरु की लिमिटेड कम्पनी बन कर रह गयी , देश में कोंग्रेस को जनता ने प्यार दिया सत्ता दी दलित,पिछड़े,अल्पसंख्यक स्थायी वोटर दिए लेकिन उनकी हालत किया हे सब जानते हें ,घोटालों का इतिहास आपात स्थिति सब ओ पता हे गाँधी जी राष्ट्रपिता थे तो नेहरु जी प्रधानमन्त्री फिर नेहरु से कोंग्रेस कुछ दिनों बाद नेहरु की पुत्री इंदिरा जी के कब्जे में हो गयी फिर संजय गाँधी फिर राजीव गाँधी फिर सोनिया गाँधी फिर राहुल गाँधी , मेनका और वरुण गाँ