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Showing posts from April 6, 2009

ना नशा करो ना वार करो !

ये स्वच्छ सन्देश है सारे हिन्दोस्तानियों का, पूरी दुनियाँ के नाम " no drugs, no war " ना नशा करो ना वार करो करना है अगर तो प्यार करो मुश्किल से मिलता है जीवन क्या तुमको नहीं पता..... कर लो तौबा सौ सौ बार कहते फिरोगे वरना यार टुकड़े टुकड़े हो गया देश, टुकड़े टुकड़े हो गया, टुकड़े टुकड़े हो गया देश, टुकड़े टुकड़े हो गया | द्वारा: सलीम खान स्वच्छ सन्देश: हिन्दोस्तान की आवाज़ लखनऊ, उत्तर प्रदेश ( यह सन्देश "स्वच्छ सन्देश: हिन्दोस्तान की आवाज़" नमक ब्लॉग द्वारा जनहित में जारी )

ये है हमारे नेता...

जिस तरह मेले का नाम लेते ही बच्चे उछल पड़ते है उसी तरह चुनाव की घोषणा होते ही नेताओं में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है..!अब देखिये जैसे ही आम .चुनाव का एलान हुआ वैसे ही सब नेता उठ खड़े हुए...जैसे की देव उठनी ग्यारस को देवता उठते है...!जो जहाँ था वहीं से बयानबाजी कर रहा है..!सब को बस टिकट चाहिए..!इसके लिए वे सब भूल गए है या की भूल जाना चाहते है...!कल तक जो एक दूसरे को फूटी आँख नहीं सुहाते थे वे अब गलबहियां डाले टी वी पर दिख रहे है..!टिकट के लिए मेंढक की तरह एक से दूसरी पार्टी के पोखर में फुदक रहे है..!सालों की दोस्ती और दुश्मनी को भुला कर रोज नए नए समीकरण बनाये जा रहे है..!एक अदद टिकट के लिए जी जान लगा रहें है..!झकाझक सफ़ेद कपडों में सजे धजे नेता हर गली मोहल्लों तक पहुँच गए है..!जिस तरह खंभे को देख कर कुत्ता पैर उठा देता है उसी प्रकार ये भी वोटर को देखते ही खींसे निपोर कर भाषण .पिला देते है..!मुझे हँसी आती है ये देख कर की....आज के ये नेता कुछ तो उसूल रखते होंगे..?जी हाँ है न ...वोटर को नए नए सपने दिखाना ,वाडे करना,वोट .खरीदना,प्रलोभन देना आदि बातें सब में समान..है..और ये सब इनमे कॉमन है...!इसक

हरकीरत जी,मुनव्वर सुल्ताना को सजा दिलाओ

यह हैं हरकीरत जी यह हैं मुनव्वर सुल्ताना आज ही पता चला की हरकीरत जी की एक कविता 'मोहब्बत का नाम' चोरी हो गयी आश्चर्य हुआ लेकिन एक पल में ही इसमें कुछ नया नजर नहीं आया,क्योंकि चोर मुनव्वर सुल्ताना है यह बात उनके लिए कोई नयी नहीं है!नकली भड़ास खुद यह स्वीकार करता है की प्रसिद्ध लोग और प्रसिद्ध चीज़ों में से दलाली खाने में उन्हें मजा आता है इसकी का नतीजा है ''नकली भड़ास''! तो मैं हरकीरत जी से सिर्फ यह कहना चाहूँगा की आप जायदा परेशान ना हो और अपना काम करें इन्हें उचित दंड दिलाने का प्रयास करें क्योंकि इसी तरह के लोगों पर लगाम कसना हमारा फ़र्ज़ है,अगर आपने आज इन्हें छोड़ दिया तो निश्चित रूप से आप भी गुनाहगार कहलाएंगी !उर्दू का नंबर एक ब्लॉग बनाने का दावा करना आसान है लेकिन उसके लिए चोरी करना कहा तक उचित है,हद तो यह है की नज्म का नाम भी बदल दिया ! जय हो चोर महारानी की.....हम आशा कर सकते है की आप बच्चों को क्या संस्कार देती होंगी!हरकीरत जी आपसे यह कहन

Loksangharsha: आतंकवाद या साम्राज्यवाद

Loksangharsha: आतंकवाद या साम्राज्यवाद eqEcbZ vkradh ?kVuk ij ukSlsuk ds iwoZ izeq[k ,Mfejy fo’.kq Hkkxor us dgk fd vkradokn dk f”kdkj Hkkjr vdsyk ugh gSA nqfu;k esa lkezkT;oknh rkdrsa ywV [klksV djus ds fy, reke ns”kksa dks xqyke cukus ds iz;kljr gS mUgh dh lkft”k dk fgLlk eqEcbZ vkradh geyk gSA ,Mfejy fo’।kq Hkkxor us dgk fd iwoZ iz/kkuea=h ih0oh0ujflEgk jko us eq>ls dgk Fkk fd vesfjdk ls nksLrh djks] ysfdu mldk vkfyaxu er djksA ;g ckr ftruh lh/kh vkSj ljy yxrh gS mruh ljy ugh gS blds vFkZ vusd gSA iwjh nqfu;k ds vUnj vesfjdk सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ

विश्वास से ही काम बनते हैं

एन. रघुरामन मैनेजमेंट फंडा .शाहरुख खान की एक हिट फिल्म का संवाद है, ‘कोई चीज अगर दिल से चाहो तो सारी कायनात आपकी उस चाहत को पूरा करने में लग जाती है।’ इसकी पुष्टि करती एक सच्ची घटना पर गौर न्यूयार्क शहर में रहने वाली एक छोटी लड़की अपने पिगी बैंक को खाली कर अपने घर से कुछ दूर स्थित एक दवा की दुकान पर पहुंचती है। दुकान मालिक उस लड़की की तरफ कोई ध्यान नहीं देता, क्योंकि वह शिकागो से आए अपने भाई से बातें करने में मशगूल होता है। लड़की की तेज आवाज से उसे बातचीत करने में परेशानी आती है। यह देखकर वह चिड़चिड़े लहजे में उससे पूछता है, ‘क्या चाहती हो? देख नहीं रही हो मैं अपने भाई से बात कर रहा हूं जो बहुत दिनों बाद मुझसे मिलने आया है!’ यह सुनकर लड़की भी उतने ही तेज अंदाज में बोलने की कोशिश करते हुए जवाब देती है, ‘मैं भी आपसे अपने भाई के बारे में बात करना चाहती हूं। वह बहुत बीमार है.. और मैं कोई चमत्कार खरीदने आई हूं।’ यह सुनकर दुकानदार थोड़ा अचरज से बोला, ‘फिर कहो.. तुम क्या चाहती हो?’ लड़की बोली, ‘मेरे भाई का नाम एंड्रयू है और उसके सिर के भीतर कुछ हो गया है। मेरे पिताजी का कहना है कि अब कोई चमत्