Skip to main content

Posts

Showing posts from November 20, 2010

यु न कहो पत्थर दिल

क्यु इतना प्यार दिखाती हो  उस पर लुट जाना चाहती हो  फिर हर बार क्या सोच कर तुम  उससे खुद को यु बचाती हो  क्या तेरे दिल मै प्यार नहीं ? क्या उसके जेसा एहसास नहीं  फिर बार बार उस तक जाके  क्यु लोट जाना चाहती हो  उसके एहसास जगाती हो  उसके अरमान सजाती हो  जब वो सपनो मै रंग भरता है  तो क्यु........  बेरंग उसे कर आती हो  फिर क्यु उसका अच्छा तुम चाहती हो  उसके अरमान जगाती हो  अपने को यु पत्थर  दिल कह फिर  क्यु  उसका दिल  यु दुखाती हो ?

ताकि लाइव रहे मोहल्ला लाइव

By  संजय तिवारी   अविनाश दास असमंजस में हैं कि मोहल्ला की गलियां अवरुद्ध तो न हो जाएंगी? कोई चार साल पहले एनडीटीवी में काम करते हुए ब्लागिंग के जरिए इंटरनेट की दुनिया में प्रवेश करनेवाले अविनाश दास इन ब्लाग से उठकर वेबसाइट पर आये और जो जमात उन्होंने मोहल्ला पर विकसित की थी उस जमात के साथ अपने डोमेन पर बहस को जिन्दा रखा. विपक्ष की सास्वत आवाज बनाये रखी. लेकिन ब्लाग ब्लाग होता है और जब हम अपने डोमेन पर आते हैं तो वह वेबसाइट हो जाती है. और वेबसाइट की रेंज एक हजार रूपये से लेकर एक करोड़ सालाना तक कुछ भी हो सकती है. वैसे तो दूर अमेरिका के एक शहर सैन फ्रांसिस्को में बहस चल रही है कि वेब 2 की दुनिया कैसी होगी लेकिन यहां अपने देश में वेब 1 ही अभी तक आकार नहीं ले सका है. दशक की शुरूआत में जब पूरी दुनिया में इंटरनेट की क्रांति का पहला बबूला फूट रहा था तो भारतीय समाज इंटरनेट से आंखें चार करने को भी तैयार नहीं था. कुछ नामी गिरामी बड़ी कंपनियों ने पैसे जरूर लगाए लेकिन उस वक्त न तो नेट की समझ थी और न ही जरूरत तो जो उस पैसे को पैसे में बदलने में कारगर हो सके. इसी दौर में भारत में गूगल का प्रचार प्र

प्यारी सी कली जब फूल बन खिली

एक प्यारा सा सन्देश बेटियों के नाम ............. तुम तो इस बगिया की                प्यारी सी वो कलियाँ हो  माँ - बाबा के प्यार से               अब फूल  बन खिली हो  जिन्दगी की दोड़ मै              खुद को कम न समझना  तुम पर ही टिकी होगी नीव             पर उसे विरासत न समझना  किसी के अत्याचार को  तुम                   हरगिज कभी  न सहना पर किसी को प्यार देने से भी                 पीछे कभी  तुम ना हटना   बच्चों  को प्यार देना                 अच्छे संस्कार देना  कोई तुम्हें दुत्कारे तो                उसका भी जवाब देना  सबका ख्याल रखना                  बेचारगी  मै न जीना  स्त्री की हिम्मत को समझना                   उसको बनाये रखना  जिंदगी तो रोज़ एक सवाल है                    तो   जवाब देते रहना फिर अपने इस संसार को तुम                      येसे खुशहाल रखना   दोनों घरों की इज़त को तुम ..............                      बरकरार रखना अपनी प्यारी सी बगिया को तुम                    हर दम आबाद रखना   सबकी दुआए लेना               सबको दुआए देना  तुमसे ही है  ये दुनिया              हर दम ख्याल र