बाराबंकी। साम्राज्यवादी ताकतों ने अपने नये स्वरूप से न सिर्फ हिन्दुस्तान को वरन एशिया समेत कई अफ्रीकी देशों को अपने शिकंजे में ले लिया है, साम्राज्यवादी ताकतों के असली चेहरे को नजदीक से सबसे पहले महात्मा गांधी ने देखा था और वह उसका शिकार भी हुए थे इसीलिए उनका कत्ल साम्राज्यवादी ताकतों ने ‘गोडसे’ से करवाया था क्योंकि इस बात का खतरा था कि उनके हिन्दुस्तान छोड़ने के बाद 80 साल का बुजुर्ग गांधी कहीं पूंजीवादी राज्य की कब्र हमेशा-हमेशा के लिए खोद न दे और वह यहां के प्राकृतिक खजाने से वंचित न हो जाए। यह विचार व्यक्त करते हुए रामसेवक यादव स्मारक इण्टर कालेज लखपेड़ाबाग में पूर्व नौसेनाध्यक्ष एडमिरल विष्णु भागवत ने लोक संघर्ष पत्रिका द्वारा आयोजित गोष्ठी ‘साम्राज्यवादी ताकतों का आतंक व एशिया’ विषय पर बोलते हुए कहा कि मौजूदा हुकूमत साम्राज्यवादी ताकतों के साये में काम कर रही है। इसीलिए दूसरे मुल्कों से सबक लेते हुए होशियार रहने की जरूरत है। साम्राज्यवादी ताकतों ने यहां के निवासियों के मनो मस्तिष्क के ऊपर ऐसा जादू किया है कि आज उन्हीं की समर्थित सरकार कायम हो गयी है। भारतीय संस