थोड़े और बड़े साइज में देखने के लिए पोस्टर पर चटका लगाएं। ♦ अविनाश अ गले महीने की 22 तारीख को रीलीज होने वाली अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर का पोस्टर और ट्रेलर लोकार्पित कर दिया गया है। दो भागों में बनी इस फिल्म का शुरुआती बड़ा वर्जन मैंने तब देखा था, जब ढेर सारे तकनीकी और रचनात्मक करेक्शन बाकी थे। यह लगभग छह-सात महीने पुरानी बात हो चली है। अदहन से निकाल कर चावल का एक दाना देख कर उसके सीझने का अंदाजा लगाने की तरह मुझे लग गया था कि पुराने जालिम कस्बों से निकाल कर अनुराग ने एक अच्छी कहानी पेश की है। हिंसा और प्रेम हमारे हिंदी सिनेमा का सबसे सामान्य विषय है। दुनिया भर की कहानियां भी इन्हीं दो गलियों में तरह-तरह से घूमती रहती हैं। आदमी के भीतर भी यही दो चीज सबसे ज्यादा उमड़ती-घुमड़ती है। और यही दो चीज है, जिसकी कहानी कभी खत्म नहीं हो सकती। अनुराग की खास बात ये है कि वह हिंसा को एक आम व्यवहार की तरह अपनी फिल्मों में स्केच करते हैं और एक हद तक प्रेम को भी। जैसा कि मेरा इंप्रेशन बना, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ उनकी इसी विशेषता के बड़े उदाहरण के रूप में सामने