चौदह साल हो गए, दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे मुंबई के एक सिनेमाहॉल में जमी है. चवन्नीचैप के अजय जी ने आदेशित किया कि इस फ़िल्म से जुड़ी अपनी कोई याद लिखूं. वहां लिखा, जो बाद में चौराहा और मोहल्ला लाइव पर भी पब्लिश हुआ. भड़ास के पाठकों के लिए इस मंच पर पेश कर रहा हूं. परिचय...चवन्नीचैप द्वारा... यूपी के गोंडा ज़िले में जन्मे चण्डीदत्त की ज़िंदगी अब दिल्ली में ही गुज़र रही है. लखनऊ और जालंधर में पंच परमेश्वर और अमर उजाला जैसे अखबारों व मैगजीन में नौकरी-चाकरी करने, दूरदर्शन-रेडियो और मंच पर तरह-तरह का काम करने के बाद दैनिक जागरण, नोएडा में चीफ सब एडिटर रहे. अब फोकस टीवी के प्रोग्रामिंग सेक्शन में स्क्रिप्टिंग की ज़िम्मेदारी संभाल रहे हैं. लिखने-पढ़ने का वक्त नहीं मिलता, लेकिन जुनून बरकरार है. एक्टिंग, वायस ओवर, एंकरिंग का शौक है. सुस्त से ब्लागर भी हैं. इनका ब्लॉग है... www.chauraha1.blogspot.com..इनसेchandiduttshukla@gmail.com पर भी मुलाकात की जा सकती है. पहिला इंजेक्शन तो डीडीएलजे ही दिहिस -चण्डीदत्त शुक्ल 20 अक्टूबर, 1995. पक्का यही तारीख थी...याद इसलिए नहीं कि इस दिन डीड