मुंबई, लक्षद्वीप, पोरबंदर और कोंकण के तटों पर पिछले दो दशकों से सिर्फ और सिर्फ डी कंपनी का कब्जा है. 1993 में दुनिया में पहली बार श्रृंखलाबद्ध विस्फोट मुंबई में हुए थे. इन विस्फोटो में दाऊद की क्या भूमिका थी? आरडीएक्स पाकिस्तानी सेना ने दिया था, ट्रेनिंग पाकिस्तानी सेना ने दिया था. डी कंपनी ने लाजिस्टिक का सपोर्ट दिया था. प्रशिक्षण के लिए टिकट और वीजा उपलब्ध कराना तथा आरडीएक्स और एक-56 जैसी राईफलें को मुंबई तक लाने का काम भी डी कंपनी ने किया था. वे सफल क्यों हुए? क्योंकि जिस दाऊद फड़सें उर्फ टकल्या और टाईगर मेनन का नेटवर्क इस्तेमाल में लाया गया था वह नेटवर्क सालों से इस रूट से स्मगलिंग करता था. हर विभाग को उनका नियमित हफ्ता जाता था. नेवी, कोस्टगार्ड, मरीन प्रिवेन्टिव और कस्टम में से किसी को उनका कंसाइनमेन्ट खोलकर देखने की जरूरत महसूस नहीं हुई. वैसे भी इस तरह के स्मगरलों की पहुंच वित्त मंत्रालय तक होती है और सुरक्षा बलों के पास इस तरह के हथियार और उपकरण नहीं होते हैं कि वे इनसे मुकाबला कर सकें. लड़ेंगे तो या तो मरेंगे या फिर वहां से हटाकर कहीं दूर फेंक दिये जाएंगे. लेकिन यदि वे स्मगलरों