Skip to main content

Posts

Showing posts from October 31, 2009

लो क सं घ र्ष !: कहीं सी आई ऐ के नौकर तो नही हैं ?

अपने देश में अंग्रेज व्यापारी बनकर आए थे और यहाँ के लोगों को लालच देकर उपहार देकर , घूष देकर देश के ऊपर कब्जा कर लिया था । उन्ही नीतियों से सबक लेकर अमेरिकन साम्राज्यवाद एशिया के मुल्को को गुलाम बनाने के लिए कार्य कर रहा है । अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई के भाई अहमद वली करजई को सी आई ऐ पिछले आठ सालों से वेतन दे रही है और अमेरिका की कठपुतली सरकार अफगानिस्तान में है । इसके पूर्व इराक़ में भी अमेरिकन साम्राज्यवादी लोग पत्रकारों , टेक्नोक्रेट्स , नौकरशाहो , न्यायविदों को रुपया देकर अपनी तरफ़ मिला कर इराक़ पर कब्जा किया था और ताजा समाचारों के अनुसार पाकिस्तान में अमेरिकन खुफिया एजेन्सी सी आई ऐ पैसा बाँट रही है और अपनी तरफ़ लोगों को कर रही है । पाकिस्तान में उसकी कठपुतली सरकार तो है लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था द्वारा चुनी गई सरकार है अमेरिकन साम्राज्यवाद जनता द्वारा चुनी गई सरकारों की मुख्य दुश्मन है । मुंबई आतंकी घटना के बाद अमेरिकी ख

माँ

माँ से मुझको राहत है माँ ही मेरी चाहत है । माँ ऐसी हस्ती है जिससे रौशन दिल की बस्ती है । माँ ने मुझको पाला है पाला है और संभाला है । दुःख मेरे वोह सहती है फिर भी खुश रहती है । देखकर वोह मुझे जीती है मेरी बलाएं वोह लेती है । माँ के दम से आन है मेरी माँ के दम से शान है मेरी।

सोनिया कपूर को चेतावनी ऐसी हरकत ना करें

२८ अक्टूबर २००९ को सोनिया कपूर जी द्वारा प्रकाशित लेख ''सेक्स बेचा जाता है लेकिन यहाँ नहीं''के साथ जो चित्र संग्लित किया गया है वो सामाजिक दृष्टी और मंच की गरिमा के अनुसार ठीक नहीं है,इस चित्र को लेकर एक राय हमारे पास पहुची है जिसे हम यहाँ प्रकशित कर रहे है और सोनिया जी को चेतावनी देते है की इस तरह की हरकत दुबारा ना करें संजय सेन सागर संजय जी सादर अभिवादन आपके ब्लॉग पर लगभग रोज ही जाती हूँ पढ़ती पसंद करती हूँ प्रतिक्रिया भी लिखती हूँ. २८ अक्टूबर को आपके ब्लॉग पर लिखे एक लेख की तस्वीर मुझे बहुत परेशान कर रही है कई बार सोचा कहूँ न कहूँ पर मुझे कहना ही होगा.ब्लॉग पर प्रकाशित लेख सेक्स बिकता है पर यहाँ नहीं.बहुत अच्छा लेख है समाचार पत्र में ये समाचार पढ़ चुकी थी. इसके साथ लगी तस्वीर अशलील लगती है.आप ने भी वही किया जो सब करते हैं.किसी मजबूर का गलत पहलु पेश किया.किसी एक मासूम की ही तस्वीर लगा देते तो भी बात बन जाती. एक समाचार अपने पढ़ा होगा की चुनाव के पहले एक सज्जन जो की एक नगों चलते हैं लोगों को अदिस के लिए जागरूक कर रहे हैं ने चुनाव आयोग क

ग़ज़ल

किया है प्यार हमने ज़िन्दगी की तरह वोह आशना भी मिला हम से अजनबी की तरह । सितम तो यह है वो भी न बन सका अपना कुबूल हमने किए जिसके गम खुशी की तरह। बढ़ा के प्यास मेरी उसने हाथ छोड़ दिया वोह कर रहा था मुरव्वत दिल्लगी की तरह। कभी न सोचा था हमने "अलीम" उसके लिए करेगी वोह सितम हम पे हर किसी की तरह।

बोया धान बहाया पइया॥

बाप खुशी के मारा फूला नी समात बा। बाटय वैसे बानी । की उनका लैका दिल्ली से ऍम बीऐ करत बानी अब दुआरे देख्वारन कय भीड़ जुटी बा॥ बाप कहत बा की भैया हमतव चार पहिया वाली गाड़ी लेवे काहे से की हमरा लरिकवा दिल्ली मा padhat बा। और ५ लाख फीस देले बानी॥ अब कइका कय कहानी सूना दिल्ली आय के ओहका दिल्ली कय पानी लाग गवा। अब पढाई वाद्हायी नइखे करत बा। अब लड़की के चक्कर मा घुमत बानी बाप कय रूपया उड़ावत बानी लेकिन रूपया कम पड़ गे बानी लड़की कय फरमाइश नखे पूरा होत बा। अब लरिका परेशान होत बा। लरिका कय मुलाक़ात दिल्ली के एक चोर से हो जाला अब लरिका रात में चैन औरते जो नौकरी पेशा करेले बानी लेके भागात बा। ओहू से बड़ा काम कराले बानी दिल्ली से कार चोरी कय के बाहर बेचत बया l एकं चोरी कय पोल खुल गे बया लरिका दिल्ली के तिहाड़ जेल मा अब बाप जब ख़बर सुनत बनी तो माना पहाड़ टूट परल बेहोश हो गा। और अनाप सनाप बकत बया। बेतवा के कारण बाप होई गा बानी॥ एक कहावत याद आयी बया। जन्मेया पूत तू लोलक लइया॥ बोया धान बहाया पइया॥